नृत्य व गीतों में दिखी जौनसारी-गढ़वाली संस्कृति की झलक
जागरण संवाददाता विकासनगर मुंडा जनजाति के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा के जन्मोत्सव क
जागरण संवाददाता, विकासनगर : मुंडा जनजाति के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा के जन्मोत्सव को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में जनजातीय गौरव दिवस पर पछवादून के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कालसी में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समा बांधा। नृत्य व गीतों में जौनसारी, गढ़वाली व नेपाली जनजातीय संस्कृति की झलक देखने को मिली।
जनजातीय गौरव दिवस के रूप में जनजातीय संस्थानों में तीन दिन तक आयोजन चले। अंतिम दिन शनिवार को एकलव्य विद्यालय कालसी में अंतरविद्यालयीय जनजातीय सांस्कृतिक नृत्य व गीतों का प्रस्तुतिकरण विद्यालय परिसर में किया गया। जिसमें एकलव्य विद्यालय कालसी के अतिरिक्त अटल उत्कृष्ट राइंका कालसी, आश्रम पद्धति विद्यालय हरिपुर, राजकीय बालिका इंटर कालेज हरिपुर, रेनबो चिल्ड्रन एकाडमी बाड़वाला के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति पेश की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक जनजाति कल्याण विभाग उत्तराखंड संजय टोलिया व विशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी कालसी पूजा नेगी दानू ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया। विद्यालय के प्राचार्य डा. जीसी बडोनी ने अतिथियों को स्मृति चिह्न व पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। प्राचार्य ने बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष व उनके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य व गीतों की प्रस्तुति ने समां बांधा। जिसमें जौनसारी, गढ़वाली व नेपाली जनजातीय संस्कृति की सम्मिलित झलक दर्शकों को देखने को मिली। राजकीय बालिका इंटर कालेज हरिपुर की दो बालिकाओं ने ढोल-दमाऊ, एकलव्य विद्यालय के संगीत शिक्षक सरजु कुमार ने बांसुरी वादन की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
कार्यक्रम के मंच संचालक सुनील सिंह सजवाण ने चित्रकला व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया।
ये रहा प्रतियोगिता का परिणाम
चित्रकला कला कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान प्रिसी चौहान, एकलव्य कालसी व अंशुल कश्यप रेनबो एकेडमी ने प्राप्त किया। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में भी एकलव्य विद्यालय कालसी की टीम अव्वल रही।