उत्तराखंड में नशा और तेज रफ्तार बन रहे वाहन दुर्घटनाओं का कारण, पढ़िए पूरी खबर
Jagran Safe Traffic Week प्रदेश में तेज रफ्तार व नशे में वाहन चलाना दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बन कर सामने आए हैं। प्रदेश में बीते वर्ष हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं में 72 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और सात प्रतिशत दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने से हुई हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Jagran Safe Traffic Week प्रदेश में तेज रफ्तार व नशे में वाहन चलाना दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बन कर सामने आए हैं। प्रदेश में बीते वर्ष हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं में 72 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और सात प्रतिशत दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने से हुई हैं। वहीं, इस वर्ष अक्टूबर माह तक हुई सड़क दुर्घटनाओं में 64 फीसद दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और पांच फीसद दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने से हुई हैं।
प्रदेश में हर वर्ष 900 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। यह आंकड़ा हर साल इसी के आसपास रहता है। इन सड़क हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और हजारों लोग चोटिल हो रहे हैं। जब भी कोई बड़ी सड़क दुर्घटना होती है तो उसके बाद इसकी एक फौरी जांच की जाती है। बीते कुछ वर्षों की जांच रिपोर्ट में चालकों की लापरवाही को ही दुर्घटना का कारण बताया गया हैं। इन रिपोर्ट में तेज रफ्तार, नशा, ओवरलोडिंग को चालक की लापरवाही माना गया है।
वहीं, बीते वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो सड़क किनारे वाहनों को गलत तरीके से खड़ा करने, सड़क में फैली निर्माण सामग्री व बरसात व कोहरे को भी दुर्घटना के प्रमुख कारणों में गिना गया है। हालांकि, इन दुर्घटनाओं की संख्या तेज रफ्तार, नशा कर वाहन चलाने और गलत दिशा में वाहन चलाने की तुलना में काफी कम है। सड़क दुर्घटना के आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मौत दोपहिया वाहनों की दुर्घटना में हुई हैं।
मरने वालों में 40 फीसद लोग दोपहिया वाहनों में सवार थे। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में तीखे मोड़ तो मैदानी क्षेत्रों में सीधी सड़कों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी इसे लेकर गंभीर मंथन हो चुका है।
एसके सिंह (उप आयुक्त परिवहन) ने कहा कि वाहन दुर्घटना पर रोक लगाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। विशेष जांच अभियान भी चलाए जा रहे हैं। प्रवर्तन दलों को लगातार सक्रिय रखा गया है।
उत्तराखंड में दुर्घटनाओं का कारण
- नियम का उल्लंघन - दुर्घटनाओं की संख्या- मृतकों की संख्या - घायल
- तेज रफ्तार - 983 - 591 - 932
- शराब पीकर - 102 - 52 - 107
- फोन का प्रयोग- 51 - 50 - 98
- गलत साइड - 25 - 17 - 24
- तकनीकी खराबी - 13 - 12 - 72
- अन्य - 178 - 135 - 224
- कुल - 1352 - 867 - 1457
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