उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनीटरिंग के लिए जिलों में स्टीयरिंग ग्रुप
राज्य में बाढ़ सुरक्षा के मद्देनजर सिंचाई महकमे ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर स्टीयरिंग ग्रुप गठित किए गए हैं।
By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 02:51 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही राज्य में बाढ़ सुरक्षा के मद्देनजर सिंचाई महकमे ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर स्टीयरिंग ग्रुप गठित किए गए हैं। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ संबंधी सूचनाओं के लिए अल्मोड़ा, श्रीनगर और देहरादून में नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। इसके अलावा नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, चंपावत, हरिद्वार और टिहरी जिलों में 72 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं।
सिंचाई मंत्री महाराज ने कहा कि सूबे की प्रमुख नदियों भागीरथी, अलकनंदा, पिंडर, मंदाकिनी, नयार और गंगा में वर्षाकाल में जल स्तर बढ़ने से कई जगह भवन, भूमि, फसलों और मार्गों को खतरा बना रहता है। इससे निबटने के मद्देनजर सभी योजनाओं पर काम पूरा कर लिया गया है। केदारनाथ धाम में मंदाकिनी से सुरक्षा, सीतापुर, गौरीकुंड में पुनर्निर्माण कार्य, सौंग नदी के दांये तट पर गौहरी माफी में जलभराव से निजात दिलाने को 3.79 करोड़ की लागत से तटबंधों का निर्माण कराया गया है।
अल्मोड़ा के चौखुटिया में भी इनका निर्माण किया गया है, जबकि मुनस्यारी, घाट में पुनर्निर्माण कार्य तेजी पर हैं। उन्होंने जानकारी दी कि बाढ़ और जलभराव की दृष्टि से हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ चंपावत, उधमसिंहनगर, देहरादून, उत्तरकाशी जिलों में संवेदनशील स्थल चिह्नित किए जा चुके हैं। देहरादून के सिंचाई खंड परिसर में राज्य का केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाने के अलावा दोनों मंडलों सहित जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।
प्रदेश स्तर पर बाढ़ से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को सोशल मीडिया पर ग्रुप भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त नदियों के जलस्तर का पूर्वानुमान के आंकड़े भी डीएम और विभाग के क्षेत्रीय और स्थानीय अधिकारियों को उपलब्ध कराने के साथ ही शासन और उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को सजग और सतर्क रहने को भी कहा गया है।
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