निलंबित राज्य कर अधिकारी की संपत्तियों की जांच शुरू Dehradun News
हिसार के कारोबारी से 29 हजार 500 रुपये की वसूली करने के आरोपित निलंबित स्टेट जीएसटी अफसर अनिल कुमार की संपत्तियों की विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।
देहरादून, जेएनएन। हिसार के कारोबारी से 29 हजार 500 रुपये की वसूली करने के आरोपित निलंबित स्टेट जीएसटी अफसर अनिल कुमार की संपत्तियों की विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस ने उसके मेरठ स्थित घर पर छापा मारा। यहां से कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं, लेकिन इनमें क्या कुछ नई जानकारी मिली है। विजिलेंस अभी इस बारे में कुछ भी बताने से बच रही है। विजिलेंस ने निलंबित अधिकारी व उसके सहयोगी अजय मलिक को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। अनिल कुमार को मेरठ के आनंदपुरम स्थित आवास से गिरफ्तार किया था।
बता दें कि, अनिल कुमार की तैनाती राज्य कर विभाग की आशारोड़ी स्थित मोबाइल दस्ते में थी। बीती 16 फरवरी की रात उन्होंने हिसार से माल लेकर देहरादून आ रहे एक वाहन को रुकवाया और चालक की जेब से जबरन 9500 रुपये निकाल लिए। इसके बाद अनिल कुमार ने हिसार के व्यापारी से 20 हजार की रकम सह आरोपित अजय मलिक के खाते में भी डलवाई। इसके बाद पकड़े गए वाहन को छोड़ दिया गया। यह माल देहरादून के हनुमान चौक कारोबारी अनिल माटा के प्रतिष्ठान में आ रहा था और मामले में अनिल समेत की ओर से वसूली की शिकायत सीएम पोर्टल में दर्ज कराई गई थी।
मामला संज्ञान मे आने के बाद 18 फरवरी को आयुक्त राज्य कर ने अनिल कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही विजिलेंस ने भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू कर दी थी। अब इस दिशा में आगे की कार्रवाई में विजिलेंस ने अनिल कुमार व अजय मलिक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
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बैंक खातों को खंगालने में जुटी विजिलेंस
निलंबित राज्य कर अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने से पहले जो बैंक ट्रांजेक्शन विजिलेंस के हाथ लगे थे, उसमें 10-20 हजार रुपये के कई और भी ट्रांजेक्शन थे। इसी प्रकरण की तरह राशि पहले अजय के खाते में डलवाई गई और फिर अनिल कुमार के खाते में राशि ट्रांसफर की गई। इसके अलावा जब वसूली का मामला उजागर हो गया तो अनिल कुमार ने हिसार के कारोबारी से फोन पर भी बात की। ये सभी साक्ष्य जब विजिलेंस को मिले तो उन्होंने एफआइआर में जरा भी देर नहीं लगाई और दोनों आरोपित को गिरफ्तार भी कर लिया। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि यह केस एकदम खुला है और वसूली का दोष साबित करने में उन्हें खास मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।
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