हरिद्वार पुलिस करेगी कोठी तोड़ने की जांच
क्लेमेनटाउन में दबंगों की ओर से सरेआम बुलडोजर से कोठी तोड़ने के मामले की जांच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरिद्वार जिले की पुलिस को सौंप दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: क्लेमेनटाउन में दबंगों की ओर से सरेआम बुलडोजर से कोठी तोड़ने के मामले की जांच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरिद्वार जिले की पुलिस को सौंप दी है। 12 जनवरी को हुई इस घटना में क्लेमेनटाउन थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। इस कोठी में नेवी से रिटायर्ड कमांडर व वीरता पुरस्कार विजेता विनोद कपूर का परिवार रह रहा था।
डीजीपी ने देहरादून के एसएसपी को यह भी निर्देश जारी किए हैं कि हरिद्वार जिले की पुलिस के साथ बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी या एसटीएफ को भेजा जाए। एसपी क्राइम बिशाखा अशोक भदाणे की ओर से अब तक की गई जांच में साफ हो गया है कि क्लेमेनटाउन के थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत ने समय पर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पूर्व सूचना के बावजूद बदमाशों को कोठी तोड़ने से नहीं रोका गया। ऐसे में उन्हें निलंबित किया गया है। इस मामले में अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिरने की संभावना है। डीजीपी ने कहा कि मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे पुलिसकर्मियों को विभाग में नहीं रहने दिया जाएगा।
दूसरी ओर पुलिस की ओर से कार्रवाई न करने पर नेवी से रिटायर्ड कमांडर विनोद कुमार की पत्नी कुसुम कपूर ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को उनकी अनुपस्थिति में अमित यादव, मोना रंधावा, सौरभ कपूर 30-40 हथियारबंद व्यक्तियों के साथ उनकी क्लेमेनटाउन के सुभाषनगर स्थित कोठी में पहुंचे। आरोपितों ने ट्रकों में घर का सामान भरा और बुलडोजर से कोठी तोड़ दी। इस मामले में एसएसपी कार्यालय में शिकायत दी गई और थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत को घटना की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर घटना के पांच दिन बाद क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित को दी गई सुरक्षा
बेघर हुई कुसुम कपूर को पुलिस विभाग की ओर से दो गनर मुहैया करवा दिए गए हैं। पीड़ित ने डीजीपी से मुलाकात कर कहा था कि दबंग जब उनकी कोठी गिरा सकते हैं तो उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था। ऐसे में डीजीपी ने उन्हें गनर मुहैया करवा दिए हैं। यह है मामला
वरिष्ठ नागरिक कुसुम कपूर के पति विनोद कुमार कपूर नेवी में कमांडर थे। वह परिवार के साथ 1996 से क्लेमेनटाउन स्थित सुभाष नगर में रह रहे थे। जबकि इससे पहले उनके रिश्तेदार इस मकान में रहते थे। उनका केयर टेकर के साथ मकान खाली करने को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। फरवरी 2021 में उनके पति का निधन हो गया। उनकी बेटी दिमागी तौर पर अस्वस्थ है, उसे साथ लेकर वह सात जनवरी को नोएडा गई थीं। इस दौरान घर पर सिर्फ केयर टेकर व पीजी में रह रहे छात्र थे। 12 जनवरी की सुबह उन्हें पड़ोसियों ने सूचना दी कि उनके मकान को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। इसके बाद वह देहरादून पहुंचीं, तब तक दबंगों ने मकान को तहस-नहस कर दिया था और घर के अंदर रखा उनका सामान, लाखों के गहने, उनके पति के अवार्ड व अन्य सामान ट्रकों में भरकर ले गए। वह शिकायत करने थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष ने दबंगों का पक्ष लिया और उन्हें वहां से भगा दिया। इसके बाद वह न्याय की गुहार लगाकर इधर-उधर भागती रहीं, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने डीजीपी से शिकायत की। डीजीपी ने दबंगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इस मामले में पुलिस ने 17 जनवरी को अमित यादव, मोना रंधावा, सौरभ कपूर समेत 40 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।