Move to Jagran APP

शारीरिक व्यायाम नहीं, जीवन जीने का तरीका है योग: शिवानी

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में योगाचार्यों ने साधकों की योग जिज्ञासा का समाधान किया। इसके अलावा योग साधकों को आध्यात्मिक संतों के सानिध्य भी मिला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:10 PM (IST)
शारीरिक व्यायाम नहीं, जीवन जीने का तरीका है योग: शिवानी
शारीरिक व्यायाम नहीं, जीवन जीने का तरीका है योग: शिवानी

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में योगाचार्यों ने साधकों की योग जिज्ञासा का समाधान किया। इसके अलावा योग साधकों को आध्यात्मिक संतों के सानिध्य भी मिला।

loksabha election banner

गढ़वाल मंडल विकास निगम व पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन आध्यात्मिक वक्ता ब्रह्मकुमारी बहन शिवानी ने ऑनलाइन माध्यम से साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछला साल कई प्रश्न लेकर आया था। जिससे हम सभी ने काफी कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि हमारा मन और चित प्रश्नों में उलझा रहता है तो हम खुश नहीं रह पाते हैं। इस कोरोना काल में नागरिकों ने योग के महत्व को समझा और उसे जीवन में उतारने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि योग जीवन जीने का तरीका है। जो इस सृष्टि की हर समस्या को हल कर सकता है। शक्ति से सृष्टि की हर चीज पर प्रभाव पड़ता है। संकल्प से सृष्टि है सृष्टि से संकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारी सोच वातावरण पर असर करती है। हवा, पानी, फूल, पौधे, पत्ते सब पर हमारी सोच का असर पड़ता है इसलिए हमें पहले अपनी सोच को सही करना चाहिए। ऐसा कुछ भी न सोचें जो आप चाहते नहीं हैं। मेरा शरीर निरोगी है, स्वस्थ्य है तो हम स्वस्थ ही रहेंगे और शरीर की जो भी बीमारियां हैं वो भी दूर हो जायेंगी। उन्होंने जीवन में अच्छे संस्कारों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी सत्ता विश्व परिवर्तन नहीं कर सकती है। विश्व परिवर्तन का एक ही तरीका है संस्कार परिवर्तन।

---------

योग से तभी मिलेगा लाभ जब सही तरीके से करेंगे आसन

गंगा रिसॉर्ट में योगाचार्यों ने योग साधकों को विभिन्न योगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया। नाड़ी विज्ञान व योग चिकित्सा के मर्मज्ञ संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने कहा कि आसन करते हुए यदि चिकित्सीय लाभ लेनें हैं तो साधक को आसन का सही तरीका, समय सीमा और आसन के बाद किए जाने वाले पूरक आसन की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मधुमेह रोगी जब मंडूक आसन, अ‌र्द्धमत्सेंद्र आसन को करते हैं तो कंध योनि स्थान पर दबाव डालें जो कि नाभि के पास का स्थान है। तो इंसुलिन की मात्रा शरीर में बढ़ने लगेगी, जिसका लाभ मधुमेह रोगी को मिलेगा। वहीं कब्ज को दूर करने के लिए ताड़ आसन, त्रियक ताड़ासन और कटी चक्रासन का अभ्यास बहुत ही लाभकारी होता है। इसी प्रकार यदि तनाव को दूर करना है तो नियमित रूप से नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए यह मस्तिष्क को शक्ति देता है और स्मृति का विकास कर तनाव को दूर करता है।

-------------

पावर योग व योग निद्रा का किया अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के प्रात:कालीन सत्र में आचार्य मित प्रसन्ना ने योग साधकों को पावर योग व योग निद्रा का अभ्यास कराया। वहीं योगी गुलशन कुमार ने कोरोना से बचाव के लिए योग की अनेक विधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग से व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली मजबूत होती है। कोरोना काल में जो लोग तनाव ग्रस्त थे उन्हें मेडिटेशन से काफी राहत मिली है। वहीं मुख्य पांडाल में दोपहर बाद योगिनी ऊषा माता व आचार्य सिद्धार्थ ने योग साधकों को शरीर विज्ञान के बारे में गहन जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरीर अष्ट धातुओं से बना हुआ है, जिसे अष्टचक्र भी कहते हैं। योगिनी ऊषा माता ने योग साधकों को योग व प्राणायाम के अभ्यास कराये।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.