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जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश, बीमा कंपनी को तीस दिन में दें क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम

जिला उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में बीमा कंपनी को तीस दिन के भीतर क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है। बीमा कंपनी को क्लेम के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति के तौर पर 20 हजार और वाद व्यय के पांच हजार रुपये भी देने होंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:45 PM (IST)
जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश, बीमा कंपनी को तीस दिन में दें क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम
बीमा कंपनी को तीस दिन में दें क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम।

जागरण संवाददाता, देहरादून। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में बीमा कंपनी को तीस दिन के भीतर क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है। बीमा कंपनी को क्लेम के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति के तौर पर 20 हजार और वाद व्यय के पांच हजार रुपये भी देने होंगे। 

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विकासनगर निवासी सुरेश सिंह भंडारी ने फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस से महिंद्रा बोलेरो का बीमा  कराया था। बीमित अवधि में टिहरी गढ़वाल जाते वक्त जंगली जानवर सामने आ जाने से वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। जिससे यह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने टिहरी में ही पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम बीमा कंपनी से मांगा, पर बीमा कंपनी ने वाहन का क्लेम देने से मना कर दिया। जिस पर वाहन स्वामी ने जिला उपभोक्ता विवाद फोरम की शरण ली। 

फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल और सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने मामले की सुनवाई की। कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता ने गलत तथ्य देकर बीमा करवाया, जबकि उपभोक्ता ने सुनवाई में कहा कि कोई भी गलत तथ्य बीमा करवाने में नहीं दिए हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता के पक्ष में फैसला दिया। यह आदेश दिया है कि बीमा कंपनी उपभोक्ता को 5,64,500 रुपये का क्लेम अदा करे। 

बाजपुर चीनी मिल के मुख्य अभियंता निलंबित

उत्तराखंड सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड ने बाजपुर चीनी मिल के मुख्य अभियंता विनीत जोशी को लापरवाही के मामले में निलंबित कर दिया है। साथ ही विभागीय जांच पूरी होने तक उन्हें सितारगंज चीनी मिल से संबद्ध कर दिया है। मिल के प्रशासक चंद्रेश कुमार ने बताया कि बाजपुर चीनी मिल में पेराई सत्र 2020-21 के दौरान लगातार हो रही बंदी और मिल के क्षमता उपयोग में हो रही कमी को लेकर प्रधान प्रबंधक की ओर से भेजी गई आख्या के आधार पर यह कार्रवाई की गई है, जिसमें कहा गया है कि मुख्य अभियंता विनीत जोशी ने अपने कार्यों एवं दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन नहीं किया। जिस कारण मिल को नुकसान उठाना पड़ा। मामले की जांच गन्ना एवं चीनी आयुक्त ललित मोहन रयाल को सौंपी गई है। 

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