तीन हाइड्रो प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट हफ्तेभर में
वर्ष 2016 से 2019 तक छिबरो डाकपत्थर और खोदरी जलविद्युत परियोजनाओं में हुए कार्यों में बरती गई अनियमितता का सच जल्द सामने आएगा। इस संबंध में नामित जांच अधिकारी अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को अगले हफ्ते तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में वर्ष 2016 से 2019 तक छिबरो, डाकपत्थर और खोदरी जलविद्युत परियोजनाओं में हुए कार्यों में बरती गई अनियमितता का सच जल्द सामने आएगा। इस संबंध में नामित जांच अधिकारी अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को अगले हफ्ते तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऊर्जा के निगमों में भ्रष्टाचार को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दे चुके हैं। उन्होंने बीते अगस्त माह में इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद शासन ने अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को जांच अधिकारी नामित किया था।
दरअसल, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 में इन तीनों जलविद्युत परियोजनाओं में मरम्मत समेत करीब 96 करोड़ के विभिन्न खर्चों पर सवाल उठाए थे। 21 मार्च 2018 को आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में तीनों परियोजनाओं में सेंट्रल पावर परचेज कमेटी को निशाने पर लिया था। बंच केबल, स्विच यार्ड ब्रेकर समेत तमाम उपकरणों की खरीद के साथ अन्य गंभीर खामियों के बारे में शिकायतों का उल्लेख भी किया गया।
इस मामले में ऊर्जा निगमों के दो पूर्व प्रबंध निदेशक भी जांच के दायरे में हैं। जलविद्युत निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एसएस वर्मा और ऊर्जा निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा की भूमिका की जांच भी इसमें की जा रही है। बीसीके मिश्रा उस दौरान जलविद्युत निगम में निदेशक परिचालन के अहम पद पर तैनात थे।
ऊर्जा निगम में दिल्ली-हरियाणा की एक कंपनी पर बकाया वसूली में हीलाहवाली को लेकर सरकार के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है। अब नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर जलविद्युत निगम के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि जांच अधिकारी और अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को हफ्तेभर में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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