इंटरनेट पर लिंग परीक्षण की जानकारी पर रोक के दिए निर्देश
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इंटरनेट पर लिंग परीक्षण संबंधी वीडियो की शिकायत पर कड़ा संज्ञान लिया है।
देहरादून, [जेएनएन]: इंटरनेट पर लिंग परीक्षण संबंधी वीडियो की शिकायत पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने साफ किया है कि किसी भी प्रतिबंधित विषय पर सामग्री का प्रचार करना गैरकानूनी है। इसकी कतई इजाजत नहीं दी जा सकती। आयोग ने इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। आयोग ने प्रतिबंधित सामग्र्री उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
दूधली, डोईवाला निवासी अजय कुमार ने इस संंबंध में आयोग से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया, यू ट्यूब आदि पर इस तरह के वीडियो चलाए जा रहे हैं जिससे कि अल्ट्रासाउंड देखकर विभिन्न तरीकों से यह पता किया जा सकता है कि गर्भ में लड़का है अथवा लड़की। शिकायतकर्ता ने आशंका जताई कि ऐसे में कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं बढ़ सकती हैं। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शनिवार को आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कहा कि इंटरनेट पर लिंग परीक्षण की जानकारी से जुड़े वीडियो आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। इससे समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसे अमानवीय विकृतियां उत्पन्न हो रही हैं।
डीजी स्वास्थ्य को भी भेजा पत्र
आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य महानिदेशक को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें कहा कि इंटरनेट पर प्रतिबंधित जानकारी उपलब्ध होने से लोग चोरी छिपे लिंग परीक्षण जैसे कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकारीअस्पताल व निजी क्लीनिकों में कड़ी निगरानी कराने के आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
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