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छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल, पढ़िए पूरी खबर

ऐकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज प्रेमनगर में हुए अनुसूचित जाति जनजाति की छात्रवृत्ति के 4.31 करोड़ रुपये के घोटाले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 03:28 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 03:28 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल, पढ़िए पूरी खबर
छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। ऐकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज प्रेमनगर में हुए अनुसूचित जाति जनजाति की छात्रवृत्ति के 4.31 करोड़ रुपये के घोटाले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में एसआइटी ने पाया कि यहां फेल छात्रों को उत्तीर्ण दिखा कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाली गई। यही नहीं, कॉलेज ने बाकायदा एजेंट बना रखे थे, जो गांव-गांव घूमकर छात्रों से संपर्क करते और उनके दस्तावेज लेकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति लेकर खुद डकार जाते थे।

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एसआइटी के हत्थे चढ़ा दलाल राकेश तोमर जिले के दूर दराज क्षेत्रों में घूमकर छात्रों से उनके दस्तावेज हासिल करता था। इसके बाद पर इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित छात्रों के नाम से दाखिल दिखाया जाता था। फिर उनके नाम से छात्रवृत्ति निकाल कर हड़प ली जाती थी। जांच में ऐसे कई छात्रों के एसआइटी ने बयान लिए थे, जिनके नाम पर छात्रवृत्ति आहरित तो की गई, लेकिन उन्हें इसका पता तक नहीं चला।

एसआइटी जांच के प्रमुख तथ्य

  • संस्थान में भारी संख्या में छात्रों को प्रवेश दिलाकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाली गई, लेकिन संबंधित विश्वविद्यालय या बोर्ड में उनका विवरण उपलब्ध नहीं था
  • विभिन्न कोर्सों के अधिकांश फेल छात्रों का दाखिला द्वितीय वर्ष में दिखाकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाली गई।
  • कॉलेज के एजेंट ने छात्रों से दस्तावेज लेकर उनसे कुछ आवेदनों पर दस्तखत कराकर गड़बड़ी को अंजाम दिया 
  •  संस्थान में कई ऐसे पाठ्यक्रमों में दाखिले दर्शाए गए, जो संचालित ही नहीं हो रहे थे। 

छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक20 गिरफ्तारियां

छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी अब तक हरिद्वार और देहरादून में 32 मुकदमे दर्ज करा चुकी है, जबकि समाज कल्याण विभाग के पांच अधिकारी-कर्मचारियों समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों जिलों के 50 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान फिलहाल एसआइटी के रडार पर हैं। वहीं, कई सफेदपोश समेत 30 से अधिक रसूखदार अभी भी एसआइटी की जांच के दायरे में हैं।

देहरादून और हरिद्वार जनपद में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच हरिद्वार के एसपी क्राइम मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में एसआइटी कर रही है। एसआइटी अभी तक 28 मुकदमे हरिद्वार जिले के अलग-अलग थाना कोतवाली में दर्ज करा चुकी है। जबकि चार मुकदमे देहरादून के थानों में दर्ज हैं। हरिद्वार में दर्ज मुकदमों में जिले के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल और हरियाणा के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं।

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एसआईटी ने एक कैबिनेट मंत्री की महिला रिश्तेदार, मंगलौर विधायक के भाई और रुड़की के पूर्व विधायक के बेटे समेत कई रसूखदारों को गिरफ्तार किया। जबकि समाज कल्याण विभाग के दो संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल और अनुराग शंखधर को भी घोटाले में जेल जाना पड़ा। एक रिटायर्ड समेत तीन सहायक समाज कल्याण अधिकारियों को पिछले ही दिनों एसआइटी ने गिरफ्तार किया। 10 से अधिक संस्थानों के संचालक हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्टे ले चुके हैं। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जिन संस्थानों के खिलाफ सुबूत मिल रहे हैं, उनकी गिरफ्तारियां लगातार की जा रही हैं।

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