भारतीय सैन्य अकादमी को देश-विदेश की सेना को 62.5 हजार सैन्य अधिकारी देने का गौरव
भारतीय सैन्य अकादमी के इतिहास में शनिवार को देश-विदेश की सेनाओं को साढ़े 62 हजार से अधिक युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पहचान सेना को अफसरों की खेप देने वाली बारामासी नदी के रूप में भी होती है। दो दिन बाद यानी आगामी शनिवार को अकादमी के इतिहास में देश-विदेश की सेनाओं को साढ़े 62 हजार से अधिक युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ जाएगा। अपनी स्थापना के 88 साल के सफर में आइएमए से अब तक भारत समेत 20 मित्र देशों को 62 हजार 139 सैन्य अधिकारी मिल चुके हैैं। इनमें मित्र देशों को 2413 अधिकारी मिले।
पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के कुल 423 जेंटलमैन कैडेट शिरकत करेंगे। इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलेंगे। जबकि 90 सैन्य अधिकारी अफगानिस्तान समेत नौ मित्र देशों को मिलेंगे। इस बार भी अफगानिस्तान को सबसे अधिक 48 अफसर मिलेंगे। जबकि तजाकिस्तान के 18 और भूटान के 13 कैडेट अकादमी से पास आउट हो रहे हैैं। इसके बाद मित्र देशों को भारतीय सैन्य अकादमी से मिलने वाले युवा अधिकारियों की संख्या बढ़कर 2503 हो जाएगी।
किस देश को कितने अधिकारी मिलेंगे
- भारत, 333
- अफगानिस्तान, 48
- तजाकिस्तान, 18
- भूटान, 13
- मालदीव, 03
- मॉरीशस, 03
- फिजी, 02
- पपुआ न्यू गिनी, 01
- श्रीलंका, 01
- वियतनाम, 01
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आइएमए कैडेटों को मिला काबिलियत का इनाम
आइएमए में कड़े प्रशिक्षण के बाद सैन्य अफसर बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेटों को उनकी काबिलियत का इनाम मिला। मौका था अवॉर्ड सेरेमनी का, जिसमें कैडेटों को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफीज से नवाजा गया। अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा का मूलमंत्र दिया। इस दौरान कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों का पूरा पालन किया गया। अकादमी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी से लेकर कैडेट तक मास्क पहने दिखे। सभागार में हर व्यक्ति एक निश्चित दूरी बनाकर रहा।