Move to Jagran APP

पांच माह इंतजार के बाद रोडवेज चालक-परिचालक के न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी

कोरोना काल में अपने करीब तीन हजार संविदा व विशेष श्रेणी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन प्रणाली पर वेतन दे रहे रोडवेज प्रबंधन की ओर से महंगाई भत्ते के आधार पर वेतन में बढ़ोत्तरी की गई है। कर्मचारियों को मई और जून के आधार पर ही जुलाई-अगस्त का वेतन जारी होगा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 09:54 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 09:54 PM (IST)
पांच माह इंतजार के बाद रोडवेज चालक-परिचालक के न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी
मई में न्यूनतम वेतन 9124 रुपये था, जो अब बढ़े महंगाई भत्ते के साथ 9384 रुपये हो गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना काल में अपने करीब तीन हजार संविदा व विशेष श्रेणी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन प्रणाली पर वेतन दे रहे रोडवेज प्रबंधन की ओर से महंगाई भत्ते के आधार पर वेतन में बढ़ोत्तरी की गई है। बीते पांच माह से बगैर वेतन काम कर रहे इन कर्मचारियों को मई और जून के आधार पर ही जुलाई-अगस्त का वेतन जारी होगा। बस संचालन न होने का हवाला देकर रोडवेज ने श्रम विभाग की ओर से तय न्यूनतम वेतन प्रणाली को लागू किया था। मई एवं जून का वेतन इसी नीति के आधार पर दिया था, जबकि इसके बाद अब तक वेतन दिया ही नहीं गया। 

loksabha election banner

मई में न्यूनतम वेतन 9124 रुपये था, जो अब बढ़े महंगाई भत्ते के साथ 9384 रुपये हो गया है। हालांकि, रोडवेज मुख्यालय की ने नियमित कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के आदेश दिए हैं, लेकिन वर्दी, प्रदूषण भत्ता व अतिकाल भत्ता नहीं मिलेगा। राज्य सरकार के आदेश पर कोविड-19 के तहत रोडवेज प्रबंधन ने नियमित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के आदेश दिए हैं। मौजूदा परिस्थिति में एक-एक रुपये की बचत की जुगत कर रहे रोडवेज प्रबंधन ने सभी मंडलों व डिपो प्रबंधकों को इसी फार्मूले पर जून से अगस्त तक के बिल बनाने को कहा है। कोरोना से पहले सामान्य संचालन में संविदा व विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को प्रति किमी के हिसाब से वेतन दिया जाता था, जो प्रत्येक चालक-परिचालक करीब 16 से 18 हजार रुपये प्रतिमाह होता था। रोडवेज मुख्यालय ने संविदा के तकनीकी-आउटसोर्स कर्मियों को भी न्यूनतम वेतन प्रणाली पर तीन माह का वेतन देने के आदेश दिए हैं। सितंबर व इसके बाद के वेतन के लिए बाद में अलग नीति बनाई जाएगी। वहीं, महंगाई भत्ते की बढ़ोत्तरी में दैनिक वेतन भोगी परिचालक को अब 9384 रुपये जबकि कार्यशाला के कुशल कर्मियों को 9978 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से मिलेंगे। 

यह भी पढ़ें: Asan Wetland: आसन वेटलैंड क्षेत्र में फैल रही गंदगी, पक्षी प्रेमी परेशान

15 दिसंबर तक मिलेगा वेतन

रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने स्पष्ट किया है कि प्रबंधन 15 दिसंबर तक सभी कर्मियों को जुलाई का वेतन उपलब्ध करा देगा। यदि, इस दौरान राज्य सरकार से 24 करोड़ रुपये पर्वतीय घाटे के मद से मिलते हैं तो जुलाई के साथ अगस्त का वेतन भी उपलब्ध कराया जा सकता है। पर्वतीय घाटे की यह राशि जुलाई, अगस्त व सितंबर में बस संचालन के दौरान हुई हानि के मद से मिलनी है। इसके साथ ही यदि हाईकोर्ट के आदेश पर यूपी से 27 करोड़ रुपये भी आ गए तो कर्मचारियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। 

जिनके किमी ज्यादा, सिर्फ वे ही पाएंगे ज्यादा वेतन

जिन संविदा व विशेष श्रेणी चालक एवं परिचालकों ने जुलाई और अगस्त में बस संचालन किया था, उन्हें ज्यादा वेतन मिल सकता है। इसमें शर्त रखी गई है कि कर्मी द्वारा अर्जित किए गए किलोमीटर का कुल मानदेय श्रम विभाग द्वारा तय न्यूनतम वेतन से ज्यादा हो। प्रबंधन ने ऐसे कर्मचारियों को कुल किमी के आधार पर वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं। 

यह भी पढ़ें: पछवादून में एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत पंद्रह संक्रमित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.