आर्थिक आरक्षण पर कॉलेजों में स्थिति साफ नहीं, जानिए वजह
उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले में दस फीसद आर्थिक आरक्षण लागू करने को लेकर दून के चार बड़े संस्थानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
देहरादून, जेएनएन। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले में दस फीसद आर्थिक आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) लागू करने को लेकर दून के चार बड़े महाविद्यालय, डीएवी, डीबीएस, श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज और एमकेपी सहित अन्य कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
आर्थिक आरक्षण को लेकर अभी तक हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि और प्रदेश सरकार की ओर से संबद्ध शिक्षा संस्थानों को कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। जबकि बीए, बीएससी और बीकॉम प्रथम वर्ष में दाखिले की प्रक्रिया आरंभ करने का कॉलेजों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को डीएवी पीजी कॉलेज में प्राचार्य परिषद की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष और श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने की।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए परिषद के सचिव और डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उच्च शिक्षा में दाखिले और नौकरी में 10 फीसद आरक्षण की जो व्यवस्था की गई है, वह स्वागतयोग्य है। लेकिन आरक्षण कैसे लागू होगा, इसे लेकर संबद्ध विवि की ओर से कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि यदि विवि प्रथम वर्ष पांच फीसद (ईडब्ल्यूएस) आर्थिक आरक्षण लागू करता है तो कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं, फैकल्टी आदि की व्यवस्था बढ़ानी होगी। क्योंकि पहले ही दून के कॉलेज फैकल्टी और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि डीएवी में 185 शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 132 शिक्षक ही नियुक्त हैं। एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलसचिव की ओर से इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। बैठक में एनएनबी गढ़वाल विवि से संबद्ध कॉलेज के प्राचार्य और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
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