अब अगर की मेडिकल की सीट ब्लॉक, तो लगेगा इतने का जुर्माना
अब अगर मेडिकल कॉलेज में सीट ब्लॉक की इसके लिए छात्रों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। दो चरण की काउंसिलिंग के बाद सीट छोड़ने पर उन्हें यह जुर्माना देना होगा।
देहरादून [जेएनएन]: मेडिकल कॉलेज में दाखिले के इच्छुक छात्रों को सीट ब्लॉक करना महंगा पड़ेगा। इसके लिए छात्रों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। दो चरण की काउंसिलिंग के बाद सीट छोड़ने पर उन्हें यह जुर्माना देना होगा। इसका मकसद यह है कि छात्रों द्वारा एक से अधिक सीट ब्लॉक किए जाने से होने वाली वैकेंसी को कम किया जा सके।
प्रदेश में इस साल एमबीबीएस की 600 और बीडीएस की 200 सीटों के लिए नीट की काउंसिलिंग होगी। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने जुलाई में प्रथम चरण की काउंसिलिंग की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि कई छात्र-छात्राएं सीट मिलने के बाद द्वितीय चरण की काउंसिलिंग खत्म होने के बाद सीट छोड़ देते हैं। जिस पर लगाम कसने के लिए केंद्र ने अब नया नियम लागू कर दिया है।
विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि केंद्र का नियम राज्य में भी लागू होगा। कोई छात्र दो चरण के बाद किसी प्राइवेट कॉलेज में राज्य या ऑल इंडिया कोटे की सीट छोड़ता है तो उसे एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। अगर छात्र किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट छोड़ता है तो उसे दस हजार रुपये जुर्माना देना होगा। प्रदेश में पांच मेडिकल कॉलेज और दो डेंटल कॉलेज हैं। सुभारती मेडिकल कॉलेज को तीसरे साल की मान्यता नहीं मिली है।
सरप्राइज ऐडमिशन का मिलेगा तोहफा
अगर आपने नीट क्वालिफाई किया है और लक्ष्य एमबीबीएस की सीट पाना है तो खबर आपके लिए है। इस बार भी अभ्यर्थियों को एमबीबीएस की तय सीट से अलग भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का तोहफा मिल सकता है। विगत वर्षों में आल इंडिया कोटे की सीट खाली रहने से राज्य के अभ्यर्थियों को इनपर दाखिला मिला था। यानी सरप्राइज ऐडमीशन। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बाहरी अभ्यर्थियों का यहां के कॉलेजों में रुझान कम होता है। जिसका फायदा राज्य के अभ्यर्थियों को हो सकता है।
200 सीट का हुआ नुकसान
राज्य में इस साल युवाओं को एमबीबीएस की 200 सीट का नुकसान हुआ है। एमसीआइ ने सुभारती मेडिकल कॉलेज को तीसरे साल की मान्यता नहीं दी है। यहां एमबीबीएस की 150 सीट थी। इसके अलावा हिमालयन इंस्टीट्यूट में भी एमबीबीएस की 50 सीट घट गई हैं। कॉलेज में गत वर्ष एमबीबीएस की 150 सीट थी, लेकिन इस बार मान्यता 100 सीट की मिली है।
ये है सीटों की स्थिति
एमबीबीएस
हिमालय इंस्टीट्यूट-100
एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज-150
दून मेडिकल कॉलेज-150
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज-100
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज-100
बीडीएस
सीमा डेंटल कॉलेज-100
उत्तरांचल डेंटल कॉलेज-100
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