उत्तराखंड: महिला आयोग में शिकायतें दर्ज नहीं करा पा रहे हैं तो परेशान न हो, ये भी है विकल्प
शिकायत दर्ज कराने के लिए विभिन्न जिलों की महिलाएं परेशान न हों और उनका जल्द समाधान हो सके इसको लेकर राज्य महिला आयोग ने एक और विकल्प दिया है। अब महिलाएं अपने जिले के वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में शिकायत दर्ज कराने के लिए विभिन्न जिलों की महिलाएं परेशान न हों और उनका जल्द समाधान हो सके, इसको लेकर राज्य महिला आयोग ने एक और विकल्प दिया है। अब महिलाएं अपने जिले के वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज करा सकती हैं, जो आयोग के संज्ञान में भी रहेगा।
उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इन दिनों आयोग सिर्फ देहरादून की शिकायतों पर सुनवाई कर रहा है। अन्य जिले से आयोग को फोन के माध्यम से जो शिकायतें मिलती हैं, उनका समाधान निकालने की कोशिश की जाती है। पर कई बार मामला बड़ा होने के चलते फोन पर काउंसलिंग नहीं हो पाती। ऐसे में अब जिलों में स्थापित वन स्टॉप सेंटर में भी वह महिलाएं संपर्क कर सकती हैं, जो आयोग के पास शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं।
आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में दर्ज शिकायत के बारे में उन्हें भी जानकारी रहेगी। जिलों में ही काउंसलर शिकायतों का समाधान करेंगे। अगर किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाता है तो उसके बाद ही संबंधित जिलों के वन स्टॉप सेंटर आयोग को शिकायत भेजेगा। उन्होंने ये भी बताया कि महिलाएं किसी भी तरह से परेशान न हों, इसलिए आयोग ने वन स्टॉप सेंटर में भी शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था बना दी है।
आयोग में प्रतिदिन हो रही पांच सुनवाई
राज्य महिला आयोग में अब प्रतिदिन दो से बढ़कर पांच सुनवाई हो रही है। लंबित शिकायतों पर जल्द निस्तारण के लिए ये फैसला लिया गया है। दरअसल, बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग फिलहाल दून की शिकायतों पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी अन्य जिलो से शिकायतें बढ़ रही हैं। दून जिले की शिकायतों का समाधान जल्द हो सके, इसलिए सुनवाई की संख्या बढ़ाई गई है। फिलहाल ये सभी शिकायतें दून जिले की निस्तारित की जाएंगी, जबकि अन्य जिलों की सुनवाई पर आयोग बाद में फैसला लेगा।
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बीते पांच महीने में आयोग के पास राज्यभर से तकरीबन 510 शिकायतें दर्ज हैं, इनमें अकेले दून से सर्वाधिक 105 शिकायतें आ चुकी हैं। आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता का कहना है कि सुनवाइ के दौरान आने वालों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए ही प्रवेश दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद अन्य जिलों की शिकायतों पर सुनवाई की तिथि जारी होगी।