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रेरा ने दिए पैसे लौटाने के आदेश, जेल बंदी कैसे लौटाए 65.27 लाख

भूखंड बेचने के बाद भी रजिस्ट्री न कराने न ही लोगों को उनका पैसा वापस करने के मामले में रेरा ने प्रॉपर्टी डीलर को पूरी धनराशि वापस करने के आदेश जारी किए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 04:51 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 04:51 PM (IST)
रेरा ने दिए पैसे लौटाने के आदेश, जेल बंदी कैसे लौटाए 65.27 लाख
रेरा ने दिए पैसे लौटाने के आदेश, जेल बंदी कैसे लौटाए 65.27 लाख

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार में भूखंड बेचने के बाद भी रजिस्ट्री न कराने, न ही लोगों को उनका पैसा वापस करने के मामले में रेरा ने प्रॉपर्टी डीलर को पूरी धनराशि वापस करने के आदेश जारी किए हैं। करीब पांच साल बाद लोगों को उनका पैसा वापस मिलने की उम्मीद तो जगी है, मगर साथ ही चिंता भी है कि यह राशि उन्हें कैसे मिल पाएगी। क्योंकि आरोपित किसी अन्य मामले में तिहाड़ जेल में बंद है। यह चिंता निवेशकों के साथ रेरा को भी है और इसी कारण आदेश की प्रति कारागर अधीक्षक तिहाड़ जेल, कारागर अधीक्षक हरिद्वार जेल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नोएडा, पुलिस आयुक्त दिल्ली, चीफ मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (शाहदरा, कड़कडड़ुबा कोर्ट), नई दिल्ली, जिला न्यायाधीश हरिद्वार व जिला न्यायाधीश गौतमबुद्ध नगर को भेजी गई है। 

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उत्तराखंड रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) अध्यक्ष विष्णु कुमार के आदेश के मुताबिक, आठ लोगों ने कुलदीप नंद्रजोग और ऑक्टोगन प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्रा.लि. की हरिद्वार स्थित हर-हर गंगे परियोजना में 8100 रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से 120 और 100 गज के प्लॉट खरीदे ïथे। इनमें से अब तक छह लोग करीब पूरी राशि व दो लोग आधे से अधिक राशि का भुगतान कर चुके हैं। इस तरह सभी लोग प्रॉपर्टी डीलर कुलदीप नंद्रजोग आदि को 65.27 लाख रुपये का भुगतान कर चुके हैं। बावजूद इसके जब लंबे समय तक भी उनके नाम पर रजिस्ट्री नहीं कराई गई, न ही मांगे जाने पर उनके पैसे लौटाए गए।

इसके बाद सभी लोगों ने पिछले साल रेरा में शिकायत दर्ज कराई थी। रेरा में सुनवाई के दौरान ही किसी मामले में आरोपित नंद्रजोग को हरिद्वार जेल में बंद कर दिया गया। हालांकि, हरिद्वार के फौजदारी न्यायालय से मिली अनुमति पर नंद्रजोग को पुलिस कस्टडी में दिसंबर 2018 को रेरा न्यायालय में पेश किया गया। यहां नंद्रजोग ने शिकायतकर्ताओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने की बात कही। इससे पहले कि यह सब हो पाता, किसी अन्य मामले में कुलदीप नंद्रजोग को तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया।

इसके बाद रेरा के आग्रह पर भी उसे दोबारा देहरादून लाने की अनुमति नहीं मिली, जबकि अब रेरा अध्यक्ष ने कुलदीप नंद्रजोग को निवेशकों को 10.75 फीसद ब्याज के साथ पूरी राशि लौटाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए 45 दिन का समय दिया गया है और ऐसा न करने पर भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूली करने की चेतावनी भी जारी की गई। 

रेरा के अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि आदेश की एक-एक प्रति इस प्रत्याशा के साथ संबंधित जेल अधीक्षक, पुलिस अधिकारियों और न्यायालयों को भेजी गई कि वह आरोपित को जमानत देने पर विचार कर सकें। यदि ऐसा हो पाया तो निवेशकों की राशि वापस मिल सकती है। अन्यथा रेरा अधिनियम के हिसाब से वसूली की कार्रवाई करेगा। 

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