उत्तराखंड में औद्यानिकी पर्यटन से संवरेगी आर्थिकी, पहले चरण में चार राजकीय उद्यान होंगे विकसित
अब उत्तराखंड ने भी औद्यानिकी पर्यटन (हॉर्टी टूरिज्म) की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रथम चरण में उद्यान विभाग के अधीन चार राजकीय उद्यानों को विकसित किया जाएगा।
By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 02:51 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्वोत्तर राज्यों की तरह अब उत्तराखंड ने भी औद्यानिकी पर्यटन (हॉर्टी टूरिज्म) की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। प्रथम चरण में उद्यान विभाग के अधीन चार राजकीय उद्यानों रामगढ़, धनोल्टी, खिर्सू व चौबटिया को विकसित करने के लिए सात करोड़ की कार्ययोजना बनाई गई है। प्रारंभिक कार्य शुरू करने के लिए इन उद्यानों को करीब 80 लाख की धनराशि जारी कर दी गई है। इन उद्यानों के तैयार होने पर इन्हें सैलानियों के लिए खोला जाएगा, ताकि वे सेब समेत अन्य फल और सब्जी प्रजातियों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही सुकून महसूस कर सकें।
उद्यानों में पर्यटकों के लिए सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। पूर्वोत्तर राज्यों में बागीचों और चाय बागानों को औद्यानिकी पर्यटन के लिहाज से भी विकसित किया गया है। सैलानी इन बागानों में पहुंचकर विहंगम नजारों का लुत्फ उठाने के साथ ही फल, चाय का आनंद उठाते हैं। वहां औद्यानिकी पर्यटन के अच्छे नतीजों को देखते हुए पूर्व में राज्य के चौबटिया (रानीखेत) स्थित राजकीय उद्यान में यह प्रयोग हुआ, जो सफल रहा। सेब समेत अन्य फल प्रजातियों के लिए मशहूर इस उद्यान के नजारों का लुत्फ उठाने हर साल 60 हजार से ज्यादा सैलानी पहुंचते हैं। इस सबके मद्देनजर आर्थिकी संवारने को सरकार ने औद्यानिकी पर्यटन को आगे बढ़ाने का निश्चय किया। इस कड़ी में इस साल चार राजकीय उद्यान चयनित किए गए हैं।
कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार रामगढ़, धनोल्टी, खिर्सू और चौबटिया उद्यान को औद्यानिकी पर्यटन योजना में लिया गया है। ये सभी सेब समेत अन्य फल और सब्जी प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध हैं। कृषि मंत्री उनियाल ने बताया कि चारों उद्यानों को विकसित करने का काम शुरू हो गया है। करीब 80 लाख की राशि विभिन्न कार्यों के लिए जारी की गई है। इसके साथ ही मिशन एप्पल, जिला योजना समेत अन्य योजनाओं से इनके लिए धन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि इन उद्यानों में कैफेटेरिया समेत अन्य पर्यटक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। धीरे-धीरे इस मुहिम को राज्य के अन्य उद्यानों में भी लागू किया जाएगा।
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