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उत्तराखंड में होम स्टे का किया जाएगा श्रेणीकरण, ऐसे तय होगी श्रेणी; पर्यटकों से भी लिए जाएंगे सुझाव

रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से चल रही होम स्टे योजना के अंतर्गत तैयार हो रहे होम स्टे का अब श्रेणीकरण किया जाएगा। सुविधाओं के दृष्टिकोण से इनकी डायमंड गोल्ड व सिल्वर श्रेणियां निर्धारित की जाएंगी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:27 AM (IST)
उत्तराखंड में होम स्टे का किया जाएगा श्रेणीकरण, ऐसे तय होगी श्रेणी; पर्यटकों से भी लिए जाएंगे सुझाव
उत्तराखंड में होम स्टे का किया जाएगा श्रेणीकरण।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से चल रही होम स्टे योजना के अंतर्गत तैयार हो रहे होम स्टे का अब श्रेणीकरण किया जाएगा। सुविधाओं के दृष्टिकोण से इनकी डायमंड, गोल्ड व सिल्वर श्रेणियां निर्धारित की जाएंगी। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) इन दिनों राज्य में सर्वे करा रही है। इसके साथ ही होम स्टे में रहने वाले सैलानियों से भी वहां सुविधाओं के संबंध में सुझाव लिए जाएंगे।

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प्रदेश में अभी तक पांच हजार के लक्ष्य के सापेक्ष 3685 होम स्टे तैयार हो चुके हैं, जिससे यात्रा मार्गों के साथ ही विभिन्न स्थानों पर पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटी हैं। होम स्टे योजना के अंतर्गत शर्त यही है कि होम स्टे स्वामी वहीं रहेगा, जबकि पर्यटक बतौर पेइंग गेस्ट। खान-पान में यहां के पारंपरिक पकवानों को प्राथमिकता देने के साथ ही राज्य की लोक संस्कृति से भी पर्यटकों को परिचित कराना होगा। होम स्टे की पहल के बेहतर नतीजे आए हैं। उत्तराखंड आकर बड़ी संख्या में लोग इनमें रह रहे हैं। कोरोनाकाल में तो देवलसारी, उत्तरकाशी समेत अन्य स्थानों पर होम स्टे वर्क स्टेशन के रूप में भी उभरे।

अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद के अनुसार होम स्टे तैयार होने पर उसका संचालक यूटीडीबी में पंजीकरण कराता है। साथ ही उसे अपने होम स्टे में उपलब्ध सुविधाओं का ब्योरा देना भी अनिवार्य है। अब होम स्टे की नीति के तहत होम स्टे का सुविधाओं के दृष्टिगत डायमंड, गोल्ड व सिल्वर में श्रेणीकरण किया जा रहा है। डायमंड व गोल्ड श्रेणी के होम स्टे में बेहतर आवासीय सुविधा, पार्किंग, इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। शहरी क्षेत्र में इस श्रेणियों के होम स्टे में पार्किंग व्यवस्था अनिवार्य है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ऐच्छिक। इसी तरह सुविधाओं के हिसाब से सिल्वर श्रेणी के होम स्टे का निर्धारण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि श्रेणीकरण के मद्देनजर जनचेतना एजुकेशन सोसायटी को होम स्टे के सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। वह अब तक 586 सौ होम स्टे का सर्वे कर चुकी है। प्रयास यह है कि दिसंबर तक सर्वे का कार्य पूर्ण हो जाए। इसके बाद यूटीडीबी तीनों श्रेणियों के होम स्टे की सूची आनलाइन जारी करेगा। इससे पर्यटक अपनी इच्छानुसार और सुविधाओं के हिसाब से होम स्टे की बुकिंग करा सकेंगे।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा, राज्य में तैयार हो चुके होम स्टे के संबंध में इनके संचालकों ने यूटीडीबी को ब्योरा उपलब्ध कराया है। अब इन होम स्टे का श्रेणीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही सैलानियों से होम स्टे के संबंध में फीडबैक लिया जाएगा। उनसे यह जानकारी भी ली जाएगी कि वे होम स्टे में और क्या सुविधाएं चाहते हैं। फिर इस दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।

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