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एनएचएम संविदा कर्मियों का होम आइसोलेशन शुरू, जानिए क्या हैं उनकी मांगें

कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पडऩे लगी है। जिस कारण सक्रिय मामलों में भी अब लगातार कमी आ रही है। पर विभिन्न कोविड केयर सेंटर व होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की परेशानी अभी कम होने वाली नहीं है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 06:05 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 06:05 PM (IST)
एनएचएम संविदा कर्मियों का होम आइसोलेशन शुरू, जानिए क्या हैं उनकी मांगें
एनएचएम संविदा कर्मियों का होम आइसोलेशन शुरू। प्रतीकात्मक फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पडऩे लगी है। जिस कारण सक्रिय मामलों में भी अब लगातार कमी आ रही है। पर विभिन्न कोविड केयर सेंटर व होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की परेशानी अभी कम होने वाली नहीं है। कारण है एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल। कर्मचारी मंगलवार से दो दिन के होम आइसोलेशन पर चले गए हैं, जिससे सैंपलिंग ड्यूटी, सर्विलांस, आइसोलेशन किट वितरण, टीकाकरण सहित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रम पर असर पड़ा है।

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प्रदेश में करीब 4500 एनएचएम कर्मचारी हैं, जिन्होंने आंदोलन के पहले दिन हाथ में तख्ती लेकर आक्रोश जताया और इंटरनेट मीडिया में अपनी फोटो साझा की। दून में सीएमओ कार्यालय, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोरोनेशन (जिला चिकित्सालय), संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर, गांधी अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों एवं फील्ड में चिकित्सक एवं स्टाफ के होम आइसोलेशन में रहने का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा।

एनएचएम संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने बताया कि कर्मचारी दो दिन के लिए होम आइसोलेशन में गए हैं। उन्होंने कहा कि लायल्टी बोनस का आदेश किया गया, लेकिन उसमें भी धोखा हुआ है। इसके अलावा अन्य मांगों पर कोई कार्रवाई को तैयार नहीं है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।

सीएमओ ने माना कार्य प्रभावित हो रहा

दून समेत कई जिलों के सीएमओ ने एनएचएम कर्मचारियों की मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने माना है कि एनएचएम कर्मचारियों की वजह से टीकाकरण, सैंपलिंग, डाटा एंट्री, ओपीडी समेत अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इनके मसले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए।

ये हैं मांग

  • सामूहिक बीमा या गोल्डन कार्ड दिया जाए।
  • कोरोनाकाल में हुई मौत पर स्वजन को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
  • उत्तर प्रदेश की तर्ज पर लायल्टी बोनस दिया जाए।
  • नियमितीकरण किया जाए।
  • समान कार्य के लिए समान वेतन मिले।
  • एचआर पॉलिसी बनाई जाए।
  • आउटसोर्स से एनएचएम में नौकरी न दी जाए।
  • एनएचएम के कर्मचारियों को समान पदों पर 50 फीसद आरक्षण दिया जाए।
  • वार्षिक वेतन वृद्धि को न्यूनतम दस फीसद किया जाए।

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