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दून में जल्द शुरू होगा एचएमआइएस सिस्टम, मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने सोमवार को विभागाध्यक्षों की बुलाई बैठक

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय यानी दून अस्पताल में हेल्थ मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एचएमआइएस) जल्द शुरू हो जाएगा। इसके शुरू होने से मरीजों को एक यूनिक आइडी दी जाएगी जिसमें उनकी बीमारी तथा उपचार की पूरी हिस्ट्री दर्ज होगी। मेडिकल कालेज के प्राचार्य इस संदर्भ में विभागाध्यक्षों की बैठक लेंगे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:30 PM (IST)
दून में जल्द शुरू होगा एचएमआइएस सिस्टम, मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने सोमवार को विभागाध्यक्षों की बुलाई बैठक
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में एचएमआइएस जल्द शुरू हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून : दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय यानी दून अस्पताल में हेल्थ मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एचएमआइएस) जल्द शुरू हो जाएगा। इसके शुरू होने से मरीजों को एक यूनिक आइडी दी जाएगी, जिसमें उनकी बीमारी तथा उपचार की पूरी हिस्ट्री दर्ज होगी। डाक्टर के पास आने पर मरीज की इस यूनिक आइडी को कंप्यूटर में दर्ज करते ही मरीज की सारी जानकारी सामने आ जाएगी। डाक्टरों को इससे मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। क्योंकि डाक्टरों को मरीज की पुरानी बीमारी से संबंधित रिपोर्ट और इलाज का पूरा ब्योरा मिल जाएगा।

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मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने इस संदर्भ में सोमवार को सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई है।उन्होंने बताया कि इससे मरीज की जांच रिपोर्ट डाक्टर एक क्लिक पर देख सकेंगे। दवाएं भी कंप्यूटर पर दर्ज की जाएंगी। अगर मरीज को दूसरे विभाग या फिर दूसरे संस्थान में रेफर किया जाता है, तो इसका इलेक्ट्रानिक रिकार्ड भेजना आसान हो जाएगा। साथ ही लंबे समय तक रिकार्ड सुरक्षित रहेगा।बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि वे अपने यहां हास्पिटल इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के साथ ही यह सुनिश्चित कराएं कि अस्पतालों में डाटा बैंक तैयार किया जाए।

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जिसमें मरीजों के नाम पते के साथ ही उन्हें होने वाली बीमारियों और इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं, पैथोलाजी जांच के बारे में भी जानकारी फीड की जाए, ताकि यदि मरीज किसी बीमारी से ग्रसित होकर दोबारा इलाज कराने आता है तो उसके बारे में सारी जानकारियां पहले से ही अस्पताल के डाटा बैंक में मौजूद हो। यदि ऐसा हो जाता है तो मरीज का इलाज करने वाले डाक्टरों को तमाम सहूलियत होगी। साथ ही केंद्र सरकार यह पता लगा सकेगी कि देश में किन बीमारियों का प्रकोप ज्यादा है और उसे रोकने को लेकर क्या किए जाने की जरूरत है।

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