इस बार भारतीय सैन्य अकादमी की परेड में नहीं दिखी ऐतिहासिक बग्घी, न ही हेलीकाप्टर से बरसे फूल
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के कारण इस बार भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड सादगी के साथ हुई। निरीक्षण अधिकारी (रिव्यूइंग अफसर) राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह स्थल में बग्घी की बजाय कार से पहुंचे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के कारण इस बार भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड सादगी के साथ हुई। सप्ताहभर से चले रहे कार्यक्रमों के साथ ही शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में भी काफी कुछबदलाव दिखे। निरीक्षण अधिकारी (रिव्यूइंग अफसर) राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह स्थल में बग्घी की बजाय कार से पहुंचे। सामान्य तौर पर निरीक्षण अधिकारी बग्घी से ही पहुंचते रहे हैं। समारोह को भव्यता प्रदान करने के लिए हर वर्ष हेलीकाप्टर से होने वाली पुष्प वर्षा भी इस बार नहीं की गई।
वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने (स्वर्णिम विजय वर्ष) के अवसर पर इस बार आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड को यादगार बनाने की तैयारी थी। इसकेलिए अकादमी प्रबंधन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समेत तमाम गणमान्यों अतिथियों के स्वागत की तैयारियों में जुटा था। इस बीच तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर दुर्घटना के बाद पूरा परिदृश्य बदल गया। हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना व वायुसेना के 13 अधिकारियों व जवानों की मृत्यु हो गई थी। जनरल रावत को भी राष्ट्रपति के साथ पीओपी में शामिल होना था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। इन परिस्थितियों में पीओपी के तहत कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम तक रद कर दिए गए। पासिंग आउट बैच के कैडेट ने हाफ मास्ट (आधा झुका ध्वज) के बीच परेड, पीपिंग व ओथ सेरेमनी में शिरकत की। निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्गी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते हैं, लेकिन राष्ट्रपति कार से पहुंचे। विशिष्ट अतिथि आरट्रैक कमांडर ले जनरल राज शुक्ला भी दो घोड़ों वाली बग्गी के बजाय कार से परेड स्थल पर आए।
परेड के बाद पास आउट होने वाले कैडेट अंतिम पग भरते हैं तो उन पर हेलीकाप्टर से फूल बरसाए जाते हैं। इस बार कैडेट ने आइएमए, भारतीय सेना व राष्ट्रीय ध्वज के साथ अंतिम पग पार किया। परेड के बाद अकादमी के निशान (ध्वज) को झुकाकर जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा पीपिंग सेरेमनी में भी उत्सव का माहौल नहीं रहा। पासिंग आउट परेड में इस बार कैडेट की यूनिफार्म में भी परिवर्तन देखने को मिला।
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