हिमालयन हॉस्पिटल व कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट बना एनएबीएच सर्टिफाइड टीचिंग हॉस्पिटल
एसआरएचयू के अधीन संचालित हिमालयन हॉस्पिटल व कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) सर्टिफिकेट मिला है।
देहरादून, जेएनएन। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अधीन संचालित हिमालयन हॉस्पिटल व कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) सर्टिफिकेट मिला है। यह सर्टिफिकेट अस्पतालों को मरीजों के गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए दिया जाता है।
एसआरएचयू के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल को एनएबीएच सर्टिफिकेट मिलना हॉस्पिटल के लिए बड़ी उपलब्धि है। हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 में एनएबीएच की टीम ने हिमालयन हॉस्पिटल में दी जा रही सुविधाओं का तीन दिन गहन निरीक्षण किया। एनएबीएच की मानकों पर हॉस्पिटल खरा उतरा है।
क्या है एनएबीएच
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध एनएबीएच देशभर के अस्पतालों को बेहतर गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मान्यता प्रदान करता है। हेल्थ इंडस्ट्री में गुणवत्ता के लिए उच्च मापदंड तैयार करने और आम लोगों को इसका फायदा पहुंचाना ही बोर्ड का उद्देश्य है।
देश भर में 25 टीचिंग मेडिकल हास्पिटल को है मान्यता
कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि एनएबीएच के मानक कठिन थे। भारत में करीब 600 मेडिकल टीचिंग हॉस्पिटल में से भी कुल 25 मेडिकल टीचिंग हॉस्पिटल ऐसे रहे जिन्हें एनएबीएच मान्यता मिली हूई है।
उत्तराखंड का पहला हास्पिटल बना हिमालयन
कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने दावा किया कि उत्तराखंड में सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की श्रेणी में एनएबीएच सर्टिफाइड होने का गौरव एकमात्र हिमालयन हॉस्पिटल को ही मिला है। बताया कि 105 मानकों सहित 650 बिंदुओं के आधार पर एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी किया गया।
यह भी पढ़ें: आइआइटी रुड़की ने विकसित किया स्टेरिलाइजेशन सिस्टम, ये सामान किये जाएंगे सेनिटाइज
शिक्षादान अभियान से कर रहे जरूरतमंद बच्चों की मदद
बस्तियों में जाकर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा देने के लिए अपने-सपने संस्था की ओर से चलाया गया शिक्षादान अभियान जारी है। शनिवार को संस्था के सदस्यों ने सुभाषनगर स्थित ओगल भट्ठा के बच्चों को प्रशिक्षण दिया। संस्था के अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया कि कई गरीब परिवार के बच्चे संसाधन के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। संस्था ऐसे बच्चों को अभियान के तहत निश्शुल्क पढ़ाई करा रही है। बच्चों को नई किताबों के लिए बाजार के चक्कर न काटना पड़ें, इसलिए किताबों का आदान प्रदान कर उन्हें मुहैया कराई जा रही हैं।
यह भी पढ़ें: coronavirus से जंग को एक और डिवाइस तैयार, जानिए कैसे करता है काम और क्या हैं खूबियां