हिमाचल के सेब से लकदक होंगे पौड़ी जिले के बाग, जानिए
पौड़ी जिले के चयनित क्षेत्रों के बगीचों में हिमाचल के सेब की पौध लहलहाती नजर आएगी। इतना ही नहीं जो पौध रोपी जाएगी वह जैरोमाइन, स्कारलेट, रेड विलाक्स, सुपर चीफ प्रजाति की होगी।
देहरादून, गुरुवेंद्र नेगी। सब कुछ धरातल पर खरा उतरा तो आने वाले दिनों में जिले के चयनित क्षेत्रों के बगीचों में हिमाचल के सेब की पौध लहलहाती नजर आएगी। इतना ही नहीं जो पौध रोपी जाएगी वह जैरोमाइन, स्कारलेट, रेड विलाक्स, सुपर चीफ प्रजाति की होगी। पौधों को उन क्षेत्रों में रोपा जाएगा, जहां की जलवायु इन प्रजाति के पौधों के लिए उपयुक्त है। फिलवक्त प्रशासन की इस मुहिम पर उद्यान विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। मौजूदा माह से चयनित क्षेत्रों में 15 हजार पौध लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने औद्यानीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में यह मुहिम शुरू की है। इसके तहत जिले के ऊंचाई वाले चयनित क्षेत्रों में उच्च प्रजाति के सेब के पौध लगाए जाने हैं। पौध की व्यवस्था उद्यान विभाग उत्तराखंड कृषि उत्पादन एवं विपणन परिषद के माध्यम से की जानी है, जो कि हिमाचल प्रदेश की पंजीकृत नर्सरी से लाई जाएगी। मंशा जिले के संभावित क्षेत्रों में सेब उत्पादन कर इसे आर्थिकी से भी जोड़ना है। इस दिशा में उद्यान विभाग की ओर से चयनित क्षेत्रों में गड्ढे खोदने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
मंशा फलीभूत हुई तो यही सेब आने वाले दिनों में सीधे मंडी को मुहैया कराकर किसानों को स्थानीय स्तर पर विपणन की व्यवस्था मुहैया होगी। इस दिशा में भी डीएम ने कार्ययोजना तैयार की है। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर 15 हजार सेब की पौध चयनित स्थानों पर लगाई जानी है। कहा कि पौध भी मंगा ली गई है। इसी माह पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। फिलवक्त डीएम की इस मुहिम को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बागवानी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कारगर कदम के रूप में देखा जा रहा है।
विकासखंडवार चयनित क्षेत्र
- वीरोंखाल-चौखाल
- नैनीडांडा-किनगोडीखाल
- द्वारीखाल-चैलूसैंण
- जयहरीखाल-जयहरीखाल क्षेत्र
- थलीसैंण-सौटी, कपरोली, जल्लू
- पाबौ-बगड़
- कोट-नाहसैंण क्षेत्र
- यहां लगेगी अखरोट की पौध
- कोट-फल्दाकोट
- कल्जीखाल-गिदरासू, थापली
- पाबौ-कुल्याणी, देवकोट, श्रीकोट
ग्रामीणों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
जिले के चयनित क्षेत्रों में सेब के पौधरोपण के दौरान उद्यान विभाग के विषय विशेषज्ञों की ओर से ग्रामीणों को पौध लगाने से लेकर इसके संरक्षण का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से टीम भी बनाई गई है। रोपे गए पौधों की देखभाल ठीक ढंग से हो रही या नहीं इसकी जिला प्रशासन समय-समय पर गांव में पहुंचकर मॉनीटरिंगङ्क्षरग भी करेगा। उद्यान विभाग भी पूरी नजर रखेगा। इसके अलावा कुछ अन्य गांवों में मनरेगा से अखरोट के पौध भी लगाए जा रहे हैं।
बोले अधिकारी
धीराज सिंह गर्ब्याल (जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल) का कहना है कि बागवानी को बढ़ावा देने और इसे किसानों की आर्थिकी से जोड़ने की दिशा में योजना बनाई गई है। इसी माह उच्च प्रजाति के 15 हजार सेब के पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए उद्यान विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ग्रामीणों को बागवानी का प्रशिक्षण भी मौके पर दिया जाएगा। समय-समय पर उत्पादों की क्या स्थिति है, इसकी भी गांवों में जाकर मानीटरिंग की जाएगी।
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