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डीलर के यहां भी लगेगी पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

परिवहन विभाग अब पुराने वाहनों पर वाहन विक्रेता (डीलर) के यहां भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश दिल्ली हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर कार्ययोजना बनाई जा रही है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 06:10 AM (IST)
डीलर के यहां भी लगेगी पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
परिवहन विभाग पुराने वाहनों पर वाहन विक्रेता के यहां भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: परिवहन विभाग अब पुराने वाहनों पर वाहन विक्रेता (डीलर) के यहां भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रदेश में वर्ष 2012 से वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का काम शुरू हुआ। अभी तक इससे विभाग 20 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त कर चुका है।

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पहले यह कार्य संभागीय परिवहन कार्यालयों में किया जा रहा था, बाद में डीलरों के यहां भी यह व्यवस्था लागू की गई। इसके बाद अब पुराने वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगनी शुरू हो गई हैं। यह कार्य अभी लिंक उत्सव कंपनी द्वारा संभागीय परिवहन विभाग व सहायक संभागीय परिवहन विभाग के कार्यालयों में ही किया जा रहा है। हाल ही में सचिव परिवहन शैलेश बगौली ने विभागीय बैठक में अन्य प्रदेशों की भांति ही डीलर के यहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए आवश्यकता हो तो एनआइसी के जरिये साफ्टवेयर तैयार किया जाए। इसके लिए आनलाइन आवेदन करने और फिर संबंधित डीलर के यहां इसे लगवाए जाने की रूपरेखा तैयार की जाए। अब आयुक्त परिवहन कार्यालय इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है, ताकि व्यवस्था को लागू किया जा सके।

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क्या है एचएसआरपी

नंबर प्लेट में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक क्रोमियम आधारित होलोग्राम लगा होता है। इसमें नीले रंग का चक्र होता है। इसमें दस अंकों की एक स्थायी पहचान संख्या लेजर के जरिये अंकित की जाती है। साथ ही एक स्टिकर भी लगा होता है। इस स्टिकर में रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकारी का नाम, वाहन की रजिस्ट्रेशन संख्या, लेजर से अंकित स्थायी पहचान संख्या और रजिस्ट्रेशन की तारीख अंकित रहती है।

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