अनिल जोशी बोले, विकास के लिए गावों तक विज्ञान की सीधी पहुंच बेहद जरूरी
देश की आर्थिक उन्नति के लिए गांवों की भागीदारी सबसे अहम है। यह तभी संभव है जब गांवों तक विज्ञान की सीधी पहुंच होगी।
देहरादून, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विज्ञान की मजबूत भूमिका तय करने को हेस्को में आयोजित बैठक में भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय समेत विभिन्न शोध संस्थानों के विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया। साथ ही संस्थानों ने एक स्वर में कहा कि जिस क्षेत्र में वह काम कर रहे हैं, उसका जमीनी विस्तार गांवों तक करने को वह तत्पर हैं।
हेस्को के संचालक पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने गुरुवार को आयोजित बैठक में कहा कि देश की आर्थिक उन्नति के लिए गांवों की भागीदारी सबसे अहम है। यह तभी संभव है, जब गांवों तक विज्ञान की सीधी पहुंच होगी। वर्तमान में गांवों में विज्ञान की मजबूत भूमिका को तय नहीं किया जा सका है। अगर देश के समग्र विकास की चिंता करनी है तो विज्ञान को गांवों तक ले जाना ही होगा।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस बैठक से कुछ ठोस संकल्प लिए जाएंगे। ताकि अगली बैठक में धरातलीय कार्ययोजना स्तर पर भी बात की जा सके। वहीं, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के प्रतिनिधि और पूर्व काबीना सचिव डॉ. अजीत सेठ ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में संस्थानों और समाज की भागीदारी विज्ञान के प्रचार-प्रसार में होनी आवश्यक है। संस्थानों के सामाजिक दायित्वों को भी बढ़ाना होगा और इसके लिए तेजी से काम करने की जरूरत है।
इस अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के निदेशक डॉ. वीबी माथुर ने कहा कि उनका संस्थान वन्यजीव संरक्षण और मानव वन्यजीव संघर्ष आदि पर भी काम कर रहा है। इस विषय पर अधिक से अधिक गांवों में काम करने की जरूरत है और संस्थान इसके लिए हमेशा तैयार है। ओएनजीसी के डॉ. राजेश ने बताया कि संस्थान ग्रामीण समुदाय के सशक्तीकरण के लिए क्या-क्या काम कर रहा है।
इसी तरह भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी), आइआइटी रुड़की, एफआरआइ, सर्वे ऑफ इंडिया, आइआइआरएस के वैज्ञानिकों ने बताया कि वह किस तरह ग्रामीण विकास में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं। बैठक में डॉ. एके पांडेय, डॉ. एसके श्रीवास्तव, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. किरन नेगी, डॉ. हिमानी, विनोद खाती, डॉ. लता सती डॉ. साक्षी आदि उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: आइआइटी रुड़की ने ईजाद किया पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज, जानिए इसकी खासियत
यह भी पढ़ें: भूकंपीय अध्ययन को सिस्मिक स्टेशन बढ़ाने की है जरूरत
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप