Heli service: नई टिहरी, श्रीनगर और गौचर के लिए हेली सेवा होगी शुरू, जानिए पूरा शेड्यूल
Heli service मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नई टिहरी श्रीनगर और गौचर के लिए हेली सेवा का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे।
ऋषिकेश, जेएनएन। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र भी अब हवाई सेवा से जुड़ जाएंगे। बुधवार यानि आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नई टिहरी, श्रीनगर और गौचर के लिए हेली सेवा का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत यह सेवाएं सप्ताह में तीन दिन संचालित होंगी।
एयरपोर्ट के निदेशक डीके गौतम ने बताया कि पवन हंस लिमिटेड यह सेवाएं शुरू कर रहा है। हर हफ्ते सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ये उड़ानें संचालित होंगी। उड़ान का रूट जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नई टिहरी, श्रीनगर और गौचर रहेगा। वापसी का रूट गौचर से श्रीनगर, नई टिहरी और जौलीग्रांट होगा। जौलीग्रांट से टिहरी और नई टिहरी से श्रीनगर की उड़ान 25-25 मिनट की और श्रीनगर से गौचर की उड़ान 20 मिनट की होगी।
प्रत्येक यात्रा के लिए न्यूनतम किराया 2903 रुपये तय किया गया है। यानी अगर किसी व्यक्ति को देहरादून से गौचर जाना होगा तो उसे 8709 रुपये चुकाने होंगे। उसका रूट जौलीग्रांट, नई टिहरी, श्रीनगर, गौचर रहेगा। रूट के एक पहाड़ की यात्रा के लिए 2903 रुपये चुकाने होंगे। पवन हंस लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि इन सेवाओं के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
उड़ान शेड्यूल
प्रस्थान
- जौलीग्रांट से नई टिहरी सुबह 9:40 बजे
- नई टिहरी से श्रीनगर सुबह 10:35 बजे
- श्रीनगर से गौचर सुबह 11:30 बजे
वापसी
- गौचर से श्रीनगर दोपहर 12:20 बजे
- श्रीनगर से नई टिहरी दोपहर 1:10 बजे
- नई टिहरी से जौलीग्रांट दोपहर 2:05 बजे
एम्स में एयर एंबुलेंस को लैंड कराने की सुविधा
एम्स ऋषिकेश में अब एयर एंबुलेंस को लैंड करने की सुविधा उपलब्ध हो गई है। मंगलवार को यहां एयर एंबुलेंस सेवा की ट्रायल लैंडिंग सफल रही। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन गया है, जिसमें अपनी हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध है। इससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपदा के समय घायल होने वाले लोगों को सुगमता से उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जा सकेगा, जिससे आइडीपीएल, जौलीग्रांट समेत अन्य स्थानों पर एयर लिफ्ट कर लाए जाने वाले मरीजों को एम्स तक पहुंचाने में लाइफ सेविंग की दृष्टि से होने वाली देरी अब नहीं होगी।