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कुंभ में 18 हजार क्षमता के शेल्टर बनेंगे, एसओपी और राज्य सरकार की कार्यवाही पर लगी मुहर

Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार में कुंभ मेले में शाही स्नान के दिनों में आवास विहीन व्यक्तियों के लिए करीब 1500 क्षमता के छह रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है। इन व्यक्तियों के लिए पीपीपी के आधार पर करीब 18 हजार क्षमता के रात्रि शेल्टर बनाने की योजना है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:20 AM (IST)
कुंभ में 18 हजार क्षमता के शेल्टर बनेंगे, एसओपी और राज्य सरकार की कार्यवाही पर लगी मुहर
कुंभ में 18 हजार क्षमता के शेल्टर बनेंगे।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। Haridwar Kumbh Mela 2021 हरिद्वार में कुंभ मेले में शाही स्नान के दिनों में आवास विहीन व्यक्तियों के लिए करीब 1500 क्षमता के छह रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है। इन व्यक्तियों के लिए पीपीपी के आधार पर करीब 18 हजार क्षमता के रात्रि शेल्टर बनाने की योजना है। राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को बैठक में हरिद्वार में कुंभ मेले को लेकर हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में उठाए गए कदमों, केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) और राज्य सरकार की कार्यवाही पर अपनी मुहर लगाई। तय किया गया कि केंद्र के निर्देशों के मद्देनजर अस्थायी कैंपों में केवल सरकारी अधिकारियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उक्त योजना का निर्माण सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के आधार पर किया जाएगा।

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कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा का संदर्भ देते हुए मेला अवधि सीमित करने का परामर्श दिया था। इस कड़ी में कुंभ मेला अवधि एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक सीमित करने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2021 के प्रारंभ से वर्तमान तक 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या के स्नान संपन्न हो चुके हैं। 14 जनवरी को सात लाख और 11 फरवरी को करीब 3.76 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। यह देखा गया कि अधिकतर श्रद्धालु आवास सुविधा की कमी की समस्या का सामना किए बगैर स्नान के उपरांत उसी दिन वापस चले गए। मेला क्षेत्र में विभिन्न होटलों, आश्रमों, अखाड़ों में करीब 5.5 लाख स्थायी आवास की क्षमता मौजूद है। 

मंत्रिमंडल ने माना कि बीते दो स्नानों के अनुभवों के आधार पर श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी आवास को टैंट लगाने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है। राज्यों से नई बसें न चलाने का आग्रहमंत्रिमंडल के समक्ष यह जानकारी रखी गई कि मुख्य सचिव ने मेला अवधि के लिए हरिद्वार के लिए किसी भी नई ट्रेन का संचालन नहीं करने का अनुरोध रेलवे बोर्ड अध्यक्ष से किया। 12 अप्रैल और 14 अप्रैल के शाही स्नानों में हरिद्वार आने वाली ट्रेनों की अनुमति इन तारीखों को एवं इन तारीखों से एक दिन पहले न देने का अनुरोध भी किया। 

केवल निकासी के उद्देश्य से पर्याप्त संख्या में आउटबाउंड ट्रेनों के संचालन पर जोर दिया गया है। मुख्य सचिव ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड को कोविड-19 के प्रसार रोकने को कुंभ मेला अवधि के दौरान नई बसें संचालित न करने का अनुरोध किया है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से श्रद्धालुओं का पंजीकरण कराने व जांच करा स्वास्थ्य प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही कुंभ मेले में आने देने को कहा गया है।

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