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Haridwar Kumbh 2021: कुंभ कार्यों को गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ, स्टाफ की भी तैनाती

हरिद्वार कुंभ निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पर्यवेक्षण के लिए शासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रमुख अभियंता कार्यालय में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित होगा।

By Edited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 04:57 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: कुंभ कार्यों को गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ, स्टाफ की भी तैनाती
Haridwar Kumbh 2021: कुंभ कार्यों को गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ, स्टाफ की भी तैनाती

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार कुंभ-2021 की तैयारियों के मद्देनजर हरिद्वार में विभिन्न निर्माण कार्य करा रहे सिंचाई विभाग के कार्मिकों में उपजे उबाल को थामने के लिए शासन सक्रिय हुआ है। इस कड़ी में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पर्यवेक्षण के लिए शासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रमुख अभियंता कार्यालय में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित होगा। प्रत्येक कार्यस्थल पर प्रयोग में लाई जा सामग्री के परीक्षण को फील्ड लैब स्थापित की जाएंगी।

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हरिद्वार में सिंचाई विभाग में कार्मिकों की कमी को देखते हुए अन्य क्षेत्रों से वहां अभियंताओं को तैनाती भी दे दी गई है। हरिद्वार में सिंचाई विभाग के कार्मिक मेला अधिष्ठान के रवैये से खफा हैं। उनका आरोप है कि निर्माण कार्यों को लेकर मेला अधिष्ठान बेवजह दबाव बना रहा है। जिस कंपनी से कार्यों की गुणवत्ता की जांच कराई जा रही, वह जानबूझकर खामियां निकाल रही है। इसे लेकर उन्होंने बीते शनिवार को धरना भी दिया था। उनका ये भी कहना था कि स्टाफ की भारी कमी है। उन्होंने गुणवत्ता जांच को एजेंसी हायर करने पर भी जोर दिया था। इस सबको देखते हुए शासन सक्रिय हुआ और पूरे मामले में रिपोर्ट लेने के साथ ही कर्मियों में उबाल को थामने के लिए कदम उठाए गए।

कुंभ में निर्माण कार्यां की गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली और पर्यवेक्षण को लेकर जारी दिशा निर्देशों को इसी के तौर पर देखा जा रहा है। सोमवार को सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रमुख अभियंता कार्यालय में स्थापित होने वाले गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के प्रभारी अधीक्षण अभियंता या अधिशासी अभियंता होंगे। कार्यस्थलों पर फील्ड लैब स्थापित होंगी। निर्माण कार्यों का रोजाना कनिष्ठ से लेकर अधिशासी अभियंता तक निरीक्षण करेंगे।
फील्ड लैब में उपयोग में लाई जा रही सामग्री का परीक्षण ठेकेदार और उसके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में होगा। परीक्षण में मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री को प्रयोग में लाया जाएगा। अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता लगातार कार्यों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण और फील्ड लैब में किए परीक्षणों की सूचना रोजाना गुणवत्ता प्रकोष्ठ को भेजी जाएगी। क्वालिटी मॉनीटर के रूप में सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के तीन अभियंता नामित किए गए हैं। जो परीक्षण फील्ड लैब में संभव नहीं हो पाएंगे उन्हें संस्थान की लैब में कराया जाएगा। जो कार्य असंतोषजनक होंगे, उनमें अनुबंध की शर्तां के अनुरूप कार्रवाई होगी। 
18 अभियंताओं को हरिद्वार में तैनाती
सिंचाई विभाग में दो मुख्य अभियंताओं समेत 18 अभियंताओं के तबादले किए गए हैं। सभी को हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में तैनाती दी गई है। इस संबंध में सचिव सिंचाई डॉ. भूपिंदर कौर औलख की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। मुख्य अभियंता स्तर-दो श्रीनगर गढ़वाल को वर्तमान तैनाती के साथ ही हरिद्वार का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है।
मुख्य अभियंता स्तर-1 हरिद्वार दिनेश चंद्र को सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की में स्थानांतरित कर उन्हें संस्थान के निदेशक के साथ ही मुख्य अभियंता और निदेशक प्रदेशीय अभियंता प्रशिक्षण संस्थान रुड़की का जिम्मा भी सौंपा गया है। इनके अलावा विभिन्न क्षेत्रों से अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता डीके सिंह समेत 17 सहायक, अपर सहायक व कनिष्ठ अभियंताओं को कुंभ मेला क्षेत्र में तैनाती दी गई है।

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