बोर्डिंग स्कूलों में पहले भी होता रहा छात्रों का उत्पीड़न, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून को शिक्षा का हब माना जाता है। देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों तक के बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं। अभिभावक इस भरोसे के साथ अपने बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में भेजते हैं कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर माहौल मिलेगा।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून को शिक्षा का हब माना जाता है। देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों तक के बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं। अभिभावक इस भरोसे के साथ अपने बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में भेजते हैं कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर माहौल मिलेगा। मगर, हाल के कुछ वर्षों में हुई एक के बाद के घटनाओं ने अभिभावकों के मन में डर पैदा कर दिया है।
राजधानी के एक बौद्ध फाउंडेशन के स्कूल में छात्रों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार ने एक बार फिर से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल है यह कि पूर्व में हो चुकी तमाम घटनाओं के बाद शिक्षा विभाग के अफसरों ने क्या सबक लिया? सहसपुर में बोर्डिंग स्कूल की छात्र से सामूहिक दुष्कर्म के बाद जो गाइडलाइन जारी की गई थी, उसका क्या हुआ? क्योंकि अगर उसके मुताबिक स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर वास्तव में गंभीरता से कार्रवाई की गई होती तो गुरुवार को एक बार हालात नाजुक मोड़ पर न होते।
देहरादून के स्कूलों में पहले भी आए हैं ऐसे कई मामले
इसी साल जनवरी महीने में रायपुर क्षेत्र में एक स्कूल में नौ साल के नाबालिग छात्र को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था। सहसपुर मामले में दोषियों को सजा भी चुकी है। वहीं, ऋषिकेश के एक स्कूल में छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला, मसूरी के एक स्कूल में छात्र की खुदकुशी समेत कई ऐसे मामले हैं, जिनमें अभी जांच चल रही है।
बोले जिला शिक्षा अधिकारी
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी आरएस रावत का कहना है कि मीडिया के माध्यम से साक्या एकेडमी में हुई घटना का पता चला है। जांच के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एकेडमी के निरीक्षण के लिए भी टीम तैयार की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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