बावर क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
संवाद सूत्र चकराता मौसम के एकाएक करवट बदलने से बावर क्षेत्र के कई गांव में भारी ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ है। बगीचों मे लगे सेब नष्ट हो गए।
संवाद सूत्र, चकराता: मौसम के एकाएक करवट बदलने से बावर क्षेत्र के कई गांव में भारी ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ है। बगीचों मे लगे सेब नष्ट हो गए। जबकि अन्य पर्वतीय फलों को भी काफी नुकसान हुआ है। खेतों में उगी कृषि व नकदी फसलें चौपट हो गई। मौसम की मार से बेहाल प्रभावित किसानों ने सरकार ने मदद की गुहार लगाई है।
सोमवार सुबह से आसमान पर छाए काले बादल शाम को किसानों की मेहनत पर बरस पड़े। सीमांत त्यूणी तहसील से जुड़े बावर क्षेत्र के बृनाड़, बास्तील, कूणा, कोटी-बावर, निनुस, बागी, चौसाल समेत आसपास के कुछ अन्य ग्रामीण इलाकों में भारी ओलावृष्टि होने से खेती-बागवानी को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कूणा विक्रम सिंह पंवार, ग्राम प्रधान रीता जगलान, निनूस के प्रधान नवीन जोशी, कोटी-बावर के पूर्व प्रधान दिनेश चौहान, कूणा निवासी रविद्र पंवार, बास्तील निवासी बजीर दीवान सिंह राणा व भरत सिंह राणा आदि ने कहा क्षेत्र में बीस से पचीस मिनट चली ओलावृष्टि ने ग्रामीण किसानों की कमर तोड़ दी। ओलावृष्टि के चलते फसलें तबाह होने से खेती-बागवानी पर निर्भर प्रभावित स्थानीय किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। ओलावृष्टि के कारण सेब बगीचों में निकले फलों के दाने नष्ट होकर जमीन पर गिर गए। सेब के अलावा नाशपाती, पुलम, आडू, खुमानी व अखरोट की फसलें चौपट हो गई। इसके अलावा खेतों में उगी मटर, आलू, राजमा, टमाटर और अन्य नकदी फसलें खराब हो गई। जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई कर पाना उनके लिए काफी मुश्किल है। प्रभावित किसानों ने सरकार से ओलावृष्टि के चलते खेती-बागवानी चौपट होने से नुकसान के एवज में उचित मुआवजे की मांग की है। वहीं, त्यूणी-चकराता के तहसीलदार पूरण सिंह तोमर ने संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक को प्रभावित इलाके का मौका मुआयना कर फसलों के नुकसान की जांच रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।