Move to Jagran APP

फर्जी बिलों के जरिये लिया साढ़े सात करोड़ का क्लेम

राज्य माल और सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) की टीम ने करीब आठ करोड़ रुपये के आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के फर्जीवाड़े में कोटद्वार की एक इस्पात (इंगट निर्माता) फर्म पर छापा मारा। टीम ने कंपनी के कार्यालय से तमाम रिकॉर्ड जब्त किए।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 03:35 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:26 PM (IST)
फर्जी बिलों के जरिये लिया साढ़े सात करोड़ का क्लेम
स्टेट जीएसटी की टीम ने करीब आठ करोड़ रुपये के आइटीसी के फर्जीवाड़े मेंएक इस्पात फर्म पर छापा मारा।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोटद्वार की इस्पात फर्म पर स्टेट जीएसटी की छापेमारी के बाद अब अधिकारियों ने जब्त किए गए दस्तावेजों की कुंडली बांचनी शुरू कर दी है। पता चला है कि अब तक संबंधित फर्म खरीद के फर्जी बिलों के जरिये करीब साढ़े सात करोड़ रुपये का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर चुकी है।

loksabha election banner

स्टेट जीएसटी विभाग को यह जानकारी मिली थी कि कोटद्वार की कई इस्पात (इंगट निर्माता) फर्म दूसरे राज्यों में सिर्फ कागजों में चल रही फर्मों से फर्जी खरीद कर रही हैं। इसका मतलब यह हुआ कि खरीद के सिर्फ बिल प्राप्त किए जा रहे थे, ताकि खरीद पर आइटीसी का लाभ प्राप्त किया जा सके। कुछ फर्म पर सेंट्रल जीएसटी की टीम कार्रवाई कर चुकी है। वहीं, एक फर्म पर स्टेट जीएसटी की टीम ने दलबल के साथ शनिवार को छापा मारा था।

स्टेट जीएसटी विभाग के उपायुक्त मनीष मिश्रा के मुताबिक, फर्म को जितना आइटीसी मिलना चाहिए था, उससे कहीं अधिक प्राप्त करने का आवेदन किया गया। इसके लिए फर्जी खरीद संबंधी बिल लगाए गए। फर्म ने करीब साढ़े सात करोड़ रुपये अधिक का क्लेम प्राप्त कर लिया है। यह बात अब तक की जांच में स्पष्ट की जा चुकी है। अब फर्म संचालक को समन भेजकर जवाब देने के लिए बुलाया जा रहा है। इसके साथ ही फर्जीवाड़े पर वैधानिक कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है। छापेमारी के दौरान फर्म से बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इनकी जांच चल रही है। बहुत संभव है कि फर्जी क्लेम प्राप्त करने की राशि और ऊपर जा सकती है।

यह भी पढ़ें- Dehradun Crime: एमबीए के छात्र ने नाबालिग का अपहरण कर किया दुष्कर्म, चढ़ा पुलिस के हत्थे

 संबंधित राज्यों को भेजी जा रही जानकारी 

संयुक्त आयुक्त सुनीता पांडे के मुताबिक जिन राज्यों की फर्जी फर्म के बिल लगाए गए हैं, उन्हें यह जानकारी भेजी जा रही है। ताकि बिना कारोबार सरकार को चूना लगाने वाली फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा सके। इस काम में संबंधित राज्यों के स्टेट जीएसटी अधिकारियों के साथ सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों के साथ भी समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है। 

फर्म संचालक कैसे हुआ फरार 

स्टेट जीएसटी की टीम ने कोटद्वार स्थित फर्म पर पूरी तैयारी के साथ छापा मारा था। इस बात की तैयारी भी थी कि फर्म संचालक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, देर रात तक बदले घटनाक्रमों के मुताबिक फर्म संचालक टीम के हाथ नहीं आ सका। फर्म संचालक की गिरफ्तारी को लेकर अधिकारियों ने यही कहा कि जांच जारी है और मामले में जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। 

यह भी पढ़ें- देहरादून: पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने पर चिकित्सक गिरफ्तार, सेलाकुई के अस्पताल में था तैनात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.