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जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आय ने बिखेरी चमक

चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य की आर्थिकी के पहले अग्रिम अनुमानों में जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आमदनी के गुलाबी आंकड़ों ने सरकार का चेहरा खिला दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 09:03 PM (IST)
जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आय ने बिखेरी चमक
जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आय ने बिखेरी चमक

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य की आर्थिकी के पहले अग्रिम अनुमानों में जीएसडीपी और प्रति व्यक्ति आमदनी के गुलाबी आंकड़ों ने सरकार का चेहरा खिला दिया है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आमदनी के मामले में राज्य ने लंबी छलांग लगाई है। जीएसडीपी बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.25 फीसद वृद्धि के साथ 217609 करोड़ तक अनुमानित की गई है। वहीं प्रति व्यक्ति आमदनी पिछले वित्तीय वर्ष में 1,61,102 से बढ़कर चालू वित्तीय वर्ष में 1,77,356 रहने का अनुमान है। अलबत्ता, आर्थिक विकास दर ने कुछ झटका दिया है, यह बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 0.18 फीसद गिरी है।  उत्तराखंड राज्य की अर्थ व्यवस्था का आकार साल-दर-साल तेजी से बढ़ रहा है। अर्थ एवं संख्या निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि नए आधार वर्ष 2011-12 के आधार पर वर्ष 2017-18 के पहले अग्रिम अनुमानों के आंकड़े वर्ष 2016-17 के दूसरे पुनरीक्षित अनुमान के आंकड़े और वर्ष 2015-16 के तीसरे पुनरीक्षित अनुमान के आंकड़े जारी किए गए हैं। 

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राज्य आय अनुमान मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष में राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल के भीतर वर्ष में उत्पादित कुल वस्तुओं एवं सेवाओं का सकल मूल्य होता है। प्रचलित भाव पर जीएसडीपी (अर्थ व्यवस्था का आकार), स्थायी भाव पर जीएसडीपी (आर्थिक वृद्धि दर), प्रचलित भाव पर राज्य निवल घरेलू उत्पाद (प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष आमदनी) एवं स्थायी भाव पर राज्य निवल घरेलू उत्पाद के आंकड़े जारी किए हैं। अर्थ एवं संख्या निदेशालय ने 29 जुलाई, 2017 को आर्थिकी के आंकड़े जारी किए थे। इनमें वर्ष 2015-16 और 2016-17 के अनुमानों को संशोधित किया गया है।

अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा

उन्होंने बताया कि जीएसडीपी के आधार पर राज्य की अर्थ व्यवस्था का आकार तय होता है। प्रचलित भाव के आधार पर बीते वर्ष 2016-17 में पुनरीक्षित अनुमानों में जीएसडीपी 1,95,606 करोड़ अनुमानित है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में जीएसडीपी बढ़कर 2,17,609 करोड़ पहुंचने का अनुमान है। जीएसडीपी में यह वृद्धि 11.25 फीसद है। इसीतरह स्थायी भाव के आधार पर वर्ष 2017-18 में जीएसडीपी (अग्रिम अनुमान) 173444 करोड़ अनुमानित है, इसमें वर्ष 2016-17 की तुलना में 6.77 फीसद वृद्धि का अनुमान है। 

प्रति व्यक्ति आमदनी 16,254 रुपये बढ़ी 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में प्रचलित भाव के आधार पर राज्य की प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति आमदनी 1,77, 356 रुपये है। वर्ष 2016-17 में प्रति वर्ष आय 1,61,102 रुपये अनुमानित की गई है। आधार वर्ष 2011-12 के सापेक्ष राज्य की आर्थिक विकास दर वर्ष 2015-16 में 7.52 फीसद, वर्ष 2016-17 में 6.95 फीसद और 2017-18 में 6.77 फीसद रही है। पिछले तीन वर्षों से आर्थिक विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है। अर्थ व्यवस्था के आकार के नजरिए से कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों में 6.68 फीसद की वृद्धि रही है, जबकि विकास दर के हिसाब से यह वृद्धि 1.38 फीसद रही है।

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