Move to Jagran APP

अनुदान के मानक नहीं बदलेंगे: त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि राज्य में अशासकीय विद्यालयों को अनुदान में लेने के लिए मानक बदले नहीं जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 09:29 PM (IST)
अनुदान के मानक नहीं बदलेंगे: त्रिवेंद्र
अनुदान के मानक नहीं बदलेंगे: त्रिवेंद्र

राज्य ब्यूरो, देहरादून

loksabha election banner

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि राज्य में अशासकीय विद्यालयों को अनुदान में लेने के लिए मानक बदले नहीं जाएंगे। विद्यालयों को पूर्ण अनुदान नहीं, सिर्फ प्रोत्साहन राशि मिलेगी। उन्होंने अनुदान के मानक पूरे नहीं करने वाले विद्यालयों की जांच कर अनुदान सूची से बाहर करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में अशासकीय विद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल करने, अनुदान सूची में शामिल विद्यालयों को धन देने के मामलों की समीक्षा की। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने वित्तविहीन अशासकीय विद्यालयों को अनुदान मामले में सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अनुदान को लेकर बीती चार जनवरी, 2017 को जारी शासनादेश के मुताबिक कार्रवाई होगी। उन्होंने अनुदान सूची में शामिल होने के बावजूद मानक पूरे नहीं करने वाले विद्यालयों को झटका दिया है। ऐसे विद्यालयों को अनुदान सूची से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। मानक पूरे किए बगैर ऐसे विद्यालयों को अनुदान की सिफारिश करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। माध्यमिक के 44 और बेसिक के 22 अशासकीय विद्यालयों को अनुदान देने से पहले जांच से गुजरना होगा।

इनसेट:

चार जनवरी, 2017 को अनुदान के संबंधी शासनादेश के प्रावधान:

ग्रामीण क्षेत्रों में जूनियर हाईस्कूल स्तर पर प्रति छात्र एक हजार रुपये प्रतिवर्ष अथवा अधिकतम एक लाख रुपये, हाईस्कूल स्तर पर प्रति छात्र 1500 रुपये प्रति वर्ष अथवा अधिकतम दो लाख रुपये और इंटर स्तर पर प्रति छात्र 2000 रुपये प्रति वर्ष अथवा अधिकतम तीन लाख रुपये प्रति वर्ष जो भी कम हो, लागू होगा। जूनियर हाईस्कूल स्तर पर न्यूनतम सौ छात्र, पर्वतीय क्षेत्रों में 75 छात्र, हाईस्कूल स्तर पर कक्षा नौ व दस में न्यूनतम 150 छात्र व पर्वतीय क्षेत्र में न्यूनतम 100 छात्र और इंटर स्तर पर कक्षा 11 व 12 में न्यूनतम 200 छात्र व पर्वतीय क्षेत्र के लिए न्यूनतम 150 छात्र का मानक निर्धारित है। प्रोत्साहन राशि पाने के लिए 23 मानक निर्धारित किए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.