शरारती होने के कारण दादा ने जंजीर से बांधा था बच्चों को, पढ़िए पूरी खबर
बच्चों को चेन से बांधने के मामले में मदरसा प्रबंधन की कोई संलिप्तता सामने नहीं आई है। जांच पर पता चला कि बच्चों के ज्यादा शरारत करने पर उनके दादा ने घर पर बांधा था
विकासनगर, जेएनएन। गंगभेवा बावड़ी में मिले बच्चों के पैरों में जंजीर उनके दादा ने बांधी थी। मामले में शिक्षण संस्थान की कोई संलिप्तता नहीं थी। उत्तराखंड बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की जांच में यह बात सामने आई है।
कोतवाली अंतर्गत गंगभेवा बावड़ी मेले में पैरों में चेन बंधे मिले दो बच्चों के प्रकरण की जांच करने गुरुवार सायं उत्तराखंड बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की टीम नवाबगढ़ पहुंची। टीम ने मदरसा इस्लामिया खलीलिया पहुंचकर संचालक हाफिज इकराम, शिक्षकों और बच्चों से जानकारी हासिल की। आयोग की टीम ने बच्चों के दादा मोहम्मद हसन और चाचा राशिद से भी पूछताछ की।
आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों को चेन से बांधने के मामले में मदरसा प्रबंधन की कोई संलिप्तता सामने नहीं आई है। जांच करने पर पता चला कि बच्चों के ज्यादा शरारत करने पर उनके दादा ने घर पर पहले रस्सी से बांधा था, जिसे बच्चों ने काट दिया तो उन्हें बकरे की जंजीर से बांध दिया था। दादा मोहम्मद हसन ने आयोग की टीम को बताया कि बच्चे कभी शक्तिनहर में नहाने जाते थे तो कभी मेले में जाने की जिद, कभी किसी का सामान उठाकर परेशान करते थे, ज्यादा शरारत की वजह से ऐसा कदम उठाया।
आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी ने बताया कि बच्चों के दादा व चाचा को इस प्रकार चेन से न बांधने की हिदायत दी गई है। बच्चों के साथ निर्दयतापूर्ण व्यवहार करने के बजाय दूसरे रास्ते अपनाने की सलाह दी गई। आयोग की टीम ने शिक्षा विभाग से संबंधित फार्म 46 देकर नियम व शर्तों को पूरा करने का आदेश मदरसा प्रबंधन को दिया है। इस दौरान मदरसा इंतजामिया कमेटी के अली अहमद, मतलूब हसन, नवाब, संदीप दूबे, इरशाद, अरशद, मोहसिन, कादिर अहमद, मुनीर, नसीम, सलीम, मुशर्रफ आदि भी उपस्थित रहे।
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