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राज्यपाल ने दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं, बोले- युवा उत्तराखंड ने की प्रगति; कुछ चुनौतियां अभी शेष

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य ने स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उत्तराखंड अब पूर्ण युवा हो चुका है। इन 21 वर्षों में राज्य ने बहुत प्रगति की है लेकिन अभी भी कई चुनौतियां राज्य के सामने हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 07:54 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:54 AM (IST)
राज्यपाल ने दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं, बोले- युवा उत्तराखंड ने की प्रगति; कुछ चुनौतियां अभी शेष
राज्यपाल ने दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं, बोले- युवा उत्तराखंड ने की प्रगति।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य ने स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उत्तराखंड अब पूर्ण युवा हो चुका है। इन 21 वर्षों में राज्य ने बहुत प्रगति की है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां राज्य के सामने हैं। इनका सामना सभी को मिलकर करना है। यहां की महिलाओं, नौजवानों, किसानों तथा सभी समुदायों की सम्मिलित भागीदारी से राज्य की प्रगति तथा समृद्धि संभव है।

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सोमवार को राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड वीर सैनिकों की पवित्र भूमि है। राज्य सरकार द्वारा सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए बहुत से प्रयास किए गए हैं। देहरादून में पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है। यह हर सैनिक का साझा सम्मान है। राज्य में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक हंै। ये सैनिक अपने ज्ञान, अनुभव, प्रशिक्षण का लाभ समाज और राज्य को दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं आर्थिक एवं सामाजिक संरचना की रीढ़ हैं। उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए। उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद राज्य की आर्थिक समृद्धि का आधार बन सकते हैं। स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्यमों को प्रोत्साहन से आर्थिक स्वावलंबन, स्वरोजगार व रिवर्स माइग्रेशन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि गांवों का विकास एवं समृद्धि ही राज्य के विकास का मापदंड होना चाहिए। गांवों में मूलभूत एवं आधुनिकतम सुविधाओं के साथ ही उद्यमशीलता तथा स्वरोजगार को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोजगार तथा स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसरों के माध्यम से रिवर्स पलायन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

'बातें कम-काम ज्यादा' गीत की लांचिंग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 'बातें कम-काम ज्यादा' गीत लांच किया। यह गीत मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली, व्यवहार, आचार-विचार, युवा जोश, सकारात्मक सोच एवं उनके द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों पर आधारित है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गीत के माध्यम से सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों एवं समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनका समावेश है। बताया गया कि हिंदी में तैयार इस गीत में भूपेंद्र बसेड़ा, मनोज सामंत, भगत मेहता, सोनम, राजलक्ष्मी समेत अन्य कलाकारों ने संयुक्त रूप से स्वर दिया है। निर्माता सावित्री बसेड़ा व निर्देशक डीएस बिष्ट हैं। कार्यक्रम में विधायक देशराज कर्णवाल आदि मौजूद थे।

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