वेतन-भत्तों की कटौती पर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की राज्य स्तरीय हाईपावर कोर कमेटी ने कोरोना संकट काल में वेतन व भत्तों में की गई कटौती पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
देहरादून, जेएनएन। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की राज्य स्तरीय हाईपावर कोर कमेटी ने कोरोना संकट काल में वेतन व भत्तों में की गई कटौती पर सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि जो कर्मचारी दिन-रात अपनी और अपने परिवार की फिक्र किए बिना सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें आर्थिक संकट में डालना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। बैठक में तय किया गया कि परिषद का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव काॢमक से मिलकर विरोध दर्ज कराएगा।
विकास भवन सभागार में हुई बैठक में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि कोरोना की आड़ लेकर राज्य कर्मचारियों के विरुद्ध सरकार द्वारा चलाये जा रहे दमनकारी नीति का कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारी विरोधी नीति के तहत एक दिन का वेतन काटने से लेकर वेतन उच्चीकरण व भत्तों पर रोक लगाकर कर्मचारियों हितों पर कुठाराघात किया है।
नन्द किशोर त्रिपाठी ने कहा कि शासन पदोन्नति में शिथिलीकरण पर दोहरी नीति अपना रही है। जिलाध्यक्ष चौधरी ओमवीर सिंह ने कहा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के शासनादेश में स्क्रीनिंग कमेटी का हौव्वा खड़ाकर अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों में भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संचालन करते हुए शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि परिषद की मांग पर सरकार ने जोरशोर से अटल आयुष्मान की घोषणा की, जिसका स्वागत भी किया। मगर धरातल पर प्रगति शून्य होने व चिकित्सा सुविधा का लाभ न मिलने से कर्मचारियों में भारी रोष है।
उन्होंने कहा जिन विभागाध्यक्षों ने अभी तक पदोन्नति की कार्रवाई शुरू नहीं की है, परिषद ऐसे अधिकारियों का घेराव करेगा। एसपी सेमवाल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में जो फार्मासिस्ट तैनात हैं, उनकी सेवा नियमावली बनाई जाए व वरिष्ठता सूची प्रकाशित की जाए। आरपी ममगार्इं ने कहा 55 वर्ष से अधिक एवं बीमार काॢमकों को शासनादेशानुसार कोरोना ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। प्रांतीय प्रवक्ता गुड्डी मटूडा ने कहा कि परिषद स्वतंत्र एवं सबसे बड़ा मान्यता प्राप्त संगठन है। कर्मचारियों की मांगों को पूरा कराने के लिए परिषद अपने दम पर संघर्ष करते हुए लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएगा।
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बैठक में कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय, रेणु लाम्बा, निशा बडोनी, सुनील देवली, संदीप पांडे, राम सलोने, अनिल बागा, रणजीत सिंह पंवार, इंद्र मोहन कोठारी, भोपाल सिंह व अन्य शामिल हुए।
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