उत्तराखंड : गांवों में 30 करोड़ लीटर पानी का संचय करेगी सरकार
जल संरक्षण को लेकर उत्तराखंड सरकार गंभीर है। इसी के तहत उत्तराखंड के 60 हजार वार्डों में पांच-पांच हजार लीटर क्षमता के वाटर टैंक बनाए जाएंगे। इसमें वर्षा जल को सरंक्षण किया है। जिसका उपयोग पेयजल के साथ ही सिंचाई के लिए लाया जा सकेगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। जल संरक्षण पर केंद्र सरकार का खास फोकस है। इसे देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने भी इस मुहिम को ग्राम स्तर तक ले जाने का निश्चय किया है। इसके तहत प्रदेश की सभी 7797 ग्राम पंचायतों के लगभग 60 हजार वार्डों में पांच-पांच हजार लीटर क्षमता के टैंक बनाए जाएंगे। इनमें जमा पानी को पेयजल के साथ ही सिंचाई के उपयोग में लाया जाएगा। सरकार की इस मंशा के पीछे स्थानीय निवासियों को वर्षा जल संरक्षण से जोड़ने की है।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर पहाड़ के ऊंचाई वाले इलाकों में पेयजल की किल्लत को देखते हुए इसे दूर करने के लिए सरकार ने वर्षा जल संरक्षण में इसकी राह तलाशी है। वर्षा जल का संचय कर इसे पेयजल व सिंचाई के उपयोग में लाने के मद्देनजर ही प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में टैंकों का निर्माण कराने पर जोर दिया गया है। बारिश होने पर ये टैंक भरेंगे और फिर इनमें एकत्रित पानी को उपचारित कर पीने के उपयोग में लाया जाएगा। जिस वार्ड में पेयजल योजना है और वहां किल्लत नहीं है तो टैंकों के पानी का उपयोग खेतों की सिंचाई में किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार यदि किसी ग्राम पंचायत के वार्ड की आबादी अधिक है तो वहां टैंक की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि टैंक निर्माण में 25-30 हजार रुपये का व्यय आएगा। इसकी व्यवस्था ग्राम पंचायतों को केंद्र व राज्य वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि के अलावा जल जीवन मिशन से की जाएगी। सरकार की कोशिश ये है कि अगले छह माह के भीतर सभी ग्राम पंचायतों में टैंकों का निर्माण करा दिया जाए।
-नितेश झा (सचिव पंचायतीराज एवं पेयजल) का कहना है कि सभी ग्राम पंचायतों के वार्डों में वर्षा जल संग्रहण के लिए टैंक बनाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। उच्च स्तर से दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें:-ऋषिकेश में नागरिकों को मिलेगा शुद्ध जल, भूमि पूजन के साथ कार्य हुआ आरंभ