कामकाज की गुणवत्ता में तेजी को विशेषज्ञ संस्थाओं से मदद लेगी उत्तराखंड सरकार
उत्तराखंड सरकार अपने कामकाज की गुणवत्ता और उसमें तेजी लाने के लिए सात विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद लेगी। इसके लिए 11 संस्थाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार अपने कामकाज की गुणवत्ता और उसमें तेजी लाने के लिए सात विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद लेगी। ढांचागत सुधारों, पर्यटन, जल संसाधन, उद्यानिकी व सूचना प्रौद्योगिकी समेत ऐसे सात क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। इनमें परामर्शीय सेवाओं के लिए 11 संस्थाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा।
प्रदेश में विकास कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को बेहतर तरीके से बनाने और फिर उतनी ही शिद्दत से जमीन पर उतारने की चुनौती है। इस चुनौती से निपटने को सरकार विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद लेने जा रही है। सभी सरकारी महकमे भी इसका फायदा उठा सकेंगे। इसे देखते हुए सरकार ने करीब 11 कंसल्टेंसी फर्मों को सूचीबद्ध किया है। ये फर्म मुख्य रूप से सात क्षेत्रों में विकास की योजनाओं को बनाने और मूर्त रूप देने का कार्य संभालेंगी।
वित्त व नियोजन सचिव अमित नेगी ने बताया कि भौतिक, सामाजिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर के इन दो सेक्टरों के लिए करीब नौ फर्म चिहिनत की गई हैं। इसके साथ ही पर्यटन, जल संसाधन, शहरी ढांचे में शामिल नगर निकाय क्षेत्रों, उद्यानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस में इन कंसल्टेंसी फर्म योजनाओं को बनाने से लेकर उन्हें जमीन पर उतारने के बारे में अपने सुझाव और कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगी।
उन्होंने बताया कि सूचीबद्ध संस्थाओं से 25 लाख की सीमा तक परामर्शीय सेवाएं सीमित निविदा के माध्यम से प्राप्त की जा सकेंगी। सूचीबद्ध संस्थाओं से सेवाएं लेना महकमों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं। इन्हें एक साल के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जरूरत के मुताबिक इनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकेगा।
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ये हैं सूचीबद्ध कंसल्टेंसी फर्म:
-कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप लिमिटेड
-प्राइसवाटरहाउस कूपर्स
-अन्सर्ट एंड यंग लिमिटेड
-वापकोस लिमिटेड
-मुकेश एंड एसोसिएट्स
-ट्रेक्टेबल एन्जी
-केपीएमजी
-इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड
-दाराशाह
-टाटा
-नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज
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