बजट से उम्मीद : रेलवे में नई भर्तियां शुरू करे सरकार
केंद्र सरकार के बजट से रेलवे कर्मचारियों को काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि देश में रेलवे के विकास के लिए नई भर्तियां शुरू करने की जरूरत है। इसके लिए रेल व कर्मचारियों के लिए आने वाले बजट को बढ़ाने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। केंद्र सरकार के बजट से रेलवे कर्मचारियों को काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि देश में रेलवे के विकास के लिए नई भर्तियां शुरू करने की जरूरत है। इसके लिए रेल व कर्मचारियों के लिए आने वाले बजट को बढ़ाने की जरूरत है। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण ने जीडीपी को क्षति पहुंचाई थी, लेकिन अब हालात काफी हद तक सामान्य हो चुके हैं। ऐसे में कोरोना काल में दिन रात काम करने वाले कर्मचारियों के डीए पर लगी रोक हटानी चाहिए। इसके अलावा कर्मचारियों के हितों के लिए कदम उठाने चाहिए।
उग्रसेन सिंह (शाखा सचिव, नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन देहरादून शाखा) ने कहा कि रेलवे का एक कर्मचारी चार कर्मियों का भार झेल रहा है। सिर्फ देहरादून की बात करें तो हालत यह है कि योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन पर कार्यों के लिए देहरादून से कर्मचारियों को दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को रेलवे भर्ती के लिए भी अलग से बजट स्वीकृत करना चाहिए।
उमेश कुमार (शाखा अध्यक्ष, नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन देहरादून शाखा) ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने कार्मिकों का डीए फ्रीज कर दिया था। देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कार्मिकों ने भी इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया था। अब हालात सामान्य होने लगे हैं। ऐसे में बजट में प्रविधान कर डीए पर लगे प्रतिबंध को हटाकर कार्मिकों को दिया जाना चाहिए।
नरेश कुमार (शाखा कोषाध्यक्ष, नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन देहरादून शाखा) ने कहा कि केंद्र सरकार को रेलवे कर्मचारियों के हितों के लिए भी बजट का प्रविधान करना चाहिए। यहां रेलवे कॉलोनी में रेलवे कर्मचारियों के घरों के हाल खस्ता हैं। कहीं फर्श तो कहीं दरवाजा टूटा है। ऐसे में सरकार को इनकी मरम्मत के लिए भी अलग से बजट का प्रविधान करना चाहिए।
ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव (शाखा सचिव, उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन देहरादून) ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। कार्मिक वर्ग की इस बड़ी मांग पर भी कार्रवाई करने की जरूरत है। लिहाजा, इस बजट में प्रविधान कर नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाना जरूरी है।
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