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प्रशासनिक काम पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी से सकते में सरकार, जानिए

प्रशासनिक कार्यप्रणाली और कामकाज पर तल्ख टिप्पणी से सरकार सकते में है। काबीना मंत्री मदन कौशिक और मुख्य सचिव उत्पल सिंह ने कहा सरकार हाईकोर्ट के फैसलों को गंभीरता से लेती है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 04:12 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 04:12 PM (IST)
प्रशासनिक काम पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी से सकते में सरकार, जानिए
प्रशासनिक काम पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी से सकते में सरकार, जानिए

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हाईकोर्ट की राज्य में प्रशासनिक कार्यप्रणाली और कामकाज पर तल्ख टिप्पणी से सरकार सकते में है। सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसलों को गंभीरता से लेती है। हाईकोर्ट के हालिया आदेश का अध्ययन कर आगे तेजी से कार्यवाही की जाएगी। 

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स्लॉटर हाउस मामले में हाईकोर्ट ने बीते रोज टिप्पणी करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट आदेश पारित करती है, लेकिन सरकार उसे पढ़ना तक जरूरी नहीं समझती। यदि कोर्ट अपने आदेशों के अनुपालन के लिए हर विभाग तक जाएगी तो यह प्रशासनिक अधिकारियों की घोर लापरवाही है। राज्य में स्लॉटर हाउस बनाने का आदेश हाईकोर्ट 2011 में पारित कर चुकी है। सरकार अब भी और समय मांग रही है।

स्लॉटर हाउस मामले को लेकर सरकार के कामकाज पर हाईकोर्ट के इस रुख से सरकारी मशीनरी में भी हलचल महसूस की जा रही है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन को गंभीरता से लिया जा रहा है। आदेशों का अनुपालन बेहतर तरीके से हो, इस संबंध में विभागों को भी निर्देश हैं। बावजूद इसके यदि लापरवाही सामने आई तो सरकार इसे गंभीरता से लेगी। 

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उन्होंने कहा कि स्लॉटर हाउस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की प्रति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद आगे उपयुक्त कदम उठाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो विभागों को अलर्ट किया जाएगा। सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि नया स्लॉटर हाउस बनाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। इस मामले में सरकार के कामकाज पर की गई टिप्पणी का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद जरूरी कदम उठाया जाएगा। 

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