उत्तराखंड में सरकारी चिकित्सक 23 से 30 सितंबर तक करेंगे ओपीडी का बहिष्कार
सरकारी डॉक्टर आगामी 23 से 30 सितंबर तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तो 30 सितंबर को संगठन की बैठक होगी।
देहरादून, जेएनएन। सरकारी डॉक्टर आगामी 23 से 30 सितंबर तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तो 30 सितंबर को संगठन की बैठक होगी। जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ की प्रांतीय कार्यकारणी की रविवार को गांधी शताब्दी अस्पताल में बैठक हुई। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वेतन कटौती वापस न लिए जाने पर नाराजगी जताई।
डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री, सचिव स्वास्थ्य और महानिदेशक स्वास्थ्य ने उन्हें वेतन कटौती बंद करने सहित सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक इस संदर्भ में कार्रवाई नहीं हो पाई है। कैबिनेट में भी इस मामले को नहीं रखा गया। डॉक्टरों ने कहा कि यदि सरकार ने वेतन कटौती वापस नहीं ली गई और पीजी कर रहे एमबीबीएस चिकित्सकों को पूरा वेतन नहीं दिया गया तो उन्हें मजबूरन बुधवार से ओपीडी बहिष्कार शुरू करना पड़ेगा। उन्होंने मांगों पर जल्द कार्रवाई की मांग की। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ नरेश नपल्च्याल और महासचिव डॉ मनोज वर्मा ने बताया कि जसपुर में चिकित्सािधिकारी से अभ्रदता का मामला सुलझ गया है।
यह भी पढ़ें: बंद का आह्वान पर नहीं हुआ अमल, व्यापारियों ने खुद ही खोली दुकान
इसके अलावा अस्पतालों में प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने संबंधी शासनादेश भी मिल गया है। साथ ही प्रशासनिक व विभागीय जांच को लेकर एसओपी बन चुकी है। पर डॉक्टरों की दो प्रमुख मांग अब भी पूरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पीजी करने गए सरकारी डॉक्टरों को पूरा वेतन देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक अमल नहीं हो पाया है। इसे बिना देरी लागू किया जाना चाहिए। इसी तरह 24 घंटे विषय परिस्थितियों में काम करने के बावजूद वेतन कटौती की जा रही है। जिसे तत्काल ही बंद किया जाना चाहिए।