यहां सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी पढ़ाई के मामले में पिछड़े सरकारी कॉलेज, जानिए
सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकार कॉलेज और विश्वविद्यालय निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की तर्ज पर पढ़ाई करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान निजी उच्च शिक्षा संस्थानों ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई की।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकार कॉलेज और विश्वविद्यालय निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की तर्ज पर पढ़ाई करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान निजी उच्च शिक्षा संस्थानों ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई की। एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने तो कुछ प्रयोगात्मक कक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित की, जबकि राजकीय महाविद्यालयों से लेकर सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय कोरोना संक्रमण के दौरान मुश्किल से एक से दो महीने ही ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों को जोड़ पाए।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के दूरदराज के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ने के लिए लेक्चरर बैंक बनाया। इसमें सभी विशेषज्ञ शिक्षकों ने अपने लेक्चरों को यू-ट्यू्ब आदि के माध्यम से इसमें सेव कर दिया। करीब छह सौ लेक्चर इस बैंक में जमा भी हुए, लेकिन आगे इन्हें ऑनलाइन पढ़ाई में प्रयोग में लाया भी गया या नहीं इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
दूसरी ओर निजी उच्च शिक्षा संस्थान पहली सितंबर से नये सत्र की ऑनलाइन पढ़ाई में जुटे हैं। कुछ निजी विवि ने एक दिसंबर 2020 से पढ़ाई भी प्रारंभ कर दी है। ग्राफिक एरा ने 15 दिसंबर से 50 फीसद छात्र-छात्राओं के साथ पढ़ाई प्रारंभ कर दी थी। इसी प्रकार डीआइटी, आइएमएस यूनिसन, आइटीएम कॉलेज जैसे संस्थानों ने नियमित पढ़ाई संचालित की।
यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कोरोनाकाल में फीस देने कोई घाटे का सौदा साबित नहीं हुआ। उत्तरांचल विवि ने 20 जनवरी से सभी कक्षाओं की नियमित पढ़ाई प्रारंभ कर दी है। दूसरी ओर राजकीय महाविद्यालय एक फरवरी से शीतकालीन अवकाश के बाद खुलेंगे। यह देखना होगा कि यह राजकीय महाविद्यालय पढ़ाई के लिए खुलेंगे या नहीं।
यह भी पढ़ें- 1754 ने दी बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा