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जरूरत पड़ने पर अपनी एयर एंबुलेंस संचालित कर सकती है सरकार

उत्तराखंड में जरूरत पड़ने पर प्रदेश सरकार खुद अपनी एयर एंबुलेंस संचालित कर सकती है। केंद्र सरकार की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत लगातार दूसरे वर्ष भी हेली एंबुलेंस के लिए बजट न दिए जाने के मद्देनजर अब इस संबंध में विचार किया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 10:56 PM (IST)
जरूरत पड़ने पर अपनी एयर एंबुलेंस संचालित कर सकती है सरकार।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में जरूरत पड़ने पर प्रदेश सरकार खुद अपनी एयर एंबुलेंस संचालित कर सकती है। केंद्र सरकार की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत लगातार दूसरे वर्ष भी हेली एंबुलेंस के लिए बजट न दिए जाने के मद्देनजर अब इस संबंध में विचार किया जा रहा है।

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प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मरीजों को त्वरित उपचार मुहैया कराने के लिए यहां लगातार एयर एंबुलेंस संचालित करने की मांग उठती रही है। मकसद यह कि सुदूर पर्वतीय क्षेत्र से मरीजों को आपात स्थिति में इलाज के लिए शहरी क्षेत्रों के बड़े अस्पतालों में लाया जा सके। इसके लिए प्रदेश सरकार लंबे समय से प्रयासरत है।

तीन साल पहले वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने प्रदेश को एयर एंबुलेंस के संचालन की अनुमति दी थी, मगर इसके लिए अलग पैरामेडिकल स्टाफ व विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जानी थी। पहले से ही राज्य सरकार इसकी कमी से जूझ रही थी। ऐसे में अनुमति मिलने के बाद भी एयर एंबुलेंस का संचालन नहीं हो पाया। एयर एंबुलेंस संचालन को हर साल केंद्र से अनुमति लेनी होती है। अनुमति देने के साथ ही केंद्र इसके संचालन को बजट भी जारी करता है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने बाद वर्ष 2020 और फिर इस वर्ष केंद्र से एनएचएम के अंतर्गत एयर एंबुलेंस के संचालन की अनुमति मांगी, मगर अनुमति नहीं मिल पाई।

सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडेय के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस वर्ष किसी भी राज्य को एयर एंबुलेंस के संचालन की स्वीकृति नहीं दी है। इनमें उत्तराखंड भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में मरीजों की सहायता के लिए सरकार हेलीकाप्टर की व्यवस्था करती है। नागरिक उड्डयन विभाग के जरिये इस साल भी दो हेलीकाप्टर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि आवश्यकता पड़ेगी तो सरकार की अनुमति से एयर एंबुलेंस का संचालन किया जा सकता है।

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