Uttarakhand Lockdown: मुख्यमंत्री ने 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलने के दिए संकेत, कहा-कार्ययोजना तैयार करें अधिकारी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से लॉकडाउन खुलने के बाद होने वाली भीड़ से निपटने और सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन कैसे हो, इसके लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए सभी धर्मगुरुओं, समाज के प्रबुद्धजनों और सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लेने को कहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना वायरल के रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों को लेकर बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का समय जल्द ही पूरा हो जाएगा। लॉकडाउन खुलने के बाद भी कैसे स्थिति को नियंत्रण में रखा जाए इसे लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद बाजारों में भीड़ बढ़ेगी, इस दौरान सुरक्षित शारीरिक दूरी को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती रहेगी। धार्मिक स्थलों पर भी भीड़ बढ़ सकती है। यहा शारीरिक दूरी के नियम का अनुपालन कैसे सुनिश्चित हो इसके लिए धर्मगुरुओं से बात की जाए। उनके विचारों को भी कार्ययोजना में शामिल किया जाए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बीते रोज भी सोशल मीडिया के जरिये आमजन से भी इस संबंध में सुझाव आमंत्रित कर चुके हैं।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी , सचिव अमित नेगी, नितेश झा व अपर पुलिस महानिदेशक वी विनय कुमार भी उपस्थित थे।
खनन गेटों पर फंसे सात हजार मजदूर
हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिलों की विभिन्न नदियों में उपखनिज चुगान के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम को आवंटित खनन लॉटों के गेटों पर लॉकडाउन के कारण करीब सात हजार खनन मजदूर फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के इन खनन मजदूरों को निगम आवश्यक सामग्री मुहैया करा रहा है।
इसके साथ ही इनके स्वास्थ्य परीक्षण कराने के मद्देनजर कदम उठाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, एटा समेत विभिन्न जिलों से हर साल ही बड़ी संख्या में खनन मजदूर उत्तराखंड आते हैं। हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिलों की गौला, दाबका, कोसी, नंधौर, रवासन, पीली समेत अन्य नदियों में उत्तराखंड वन विकास निगम को आवंटित खनन लॉटों में भी ये खनन मजदूर कार्य रहे थे।
लॉकडाउन के बाद से ये सभी इन नदियों में निगम के खनन गेटों पर डेरा डाले हुए हैं। उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने बताया कि इन मजदूरों को खाद्यान्न समेत आवश्यक सामग्री की दिक्कत न हो, इसके लिए निगम पूरे प्रयास कर रहा है। निगम के साथ ही विभिन्न संस्थाओं, संगठनों व लोगों के माध्यम से भी इन्हें जरूरी सामग्री मुहैया कराई जा रही है।
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उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्रों में निगम के प्रभागीय लौगिंग प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सभी खनन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी सुनिश्चित कराएं।
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