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गोल्डन फॉरेस्ट की 454 हेक्टेयर भूमि महकमों को आवंटित, पढ़िए पूरी खबर

शासन ने राज्य सरकार में निहित गोल्डन फॉरेस्ट से संबंधित 454 हेक्टेयर भूमि को विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 02:24 PM (IST)
गोल्डन फॉरेस्ट की 454 हेक्टेयर भूमि महकमों को आवंटित, पढ़िए पूरी खबर
गोल्डन फॉरेस्ट की 454 हेक्टेयर भूमि महकमों को आवंटित, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने राज्य सरकार में निहित गोल्डन फॉरेस्ट से संबंधित 454 हेक्टेयर भूमि को विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दिया है। भूमि का आवंटन आवास, उद्योग, पुनर्वास, राजकीय कार्यालयों के निर्माण और ग्रामसभाओं को किया गया है। ये जमीनें तहसील विकासनगर और तहसील सदर के अंतर्गत आ रही हैं।

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प्रदेश में पिछले वर्ष आयोजित निवेश सम्मेलन के बाद जमीन की खासी आवश्यकता महसूस हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश में 3000 आवासों का निर्माण किया जाना है। राज्य में सौंग, जमरानी तथा पंचेश्वर बांध परियोजनाओं का निर्माण भी होना है। इनके दायरे में आने वाले लोगों का पुनर्वास किया जाना प्रस्तावित है। भारत सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लिए भी जमीन की मांग की जा रही है। इसके अलावा ग्रामों के सुनियोजित विकास के लिए सामुदायिक विकास भवन, पंचायत घर आदि के लिए भी जमीन चाहिए। 

इसे देखते हुए सरकार ने गोल्डन फॉरेस्ट ग्रुप की राज्य सरकार में निहित भूमि के प्रयोजनों एवं उपयोग के लिए विभिन्न विभागों को आवंटित कर दिया है। इस संबंध में प्रभारी सचिव सुशील कुमार ने जमीन आवंटन संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं।

इन विभागों को यहां दी गई जमीन

  • सिंचाई विभाग- विभाग को सौंग, जमरानी व लखवाड़ बांध परियोजना में पुनर्वास के लिए तहसील विकासनगर में शीशमबाड़ा, शेरपुर एवं फतेहपुर, मिर्जापुर व मंडी गंगभेवा की कुल 29.78 हेक्टेयर जमीन दी गई है।
  • औद्योगिक विकास विभाग- विभाग को उद्योगों की स्थापना के लिए तहसील विकासनगर में बैरागीवाला, जस्सोवाला, लाखनवाला, ढकरानी व तहसील सदर की तिमली मानसिंहवाला एवं भैंसवाड़ा की 49.70 हेक्टेयर जमीन दी गई है।
  • आवास विभाग- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिए तहसील विकासनगर में ईस्ट होप टाउन, सेंट्रल होप टाउन, रामपुरकलां एवं सुद्धौवाला और तहसील सदर की चालंग, गुजराड़ा मानसिंह में कुल 22.51 हेक्टेयर जमीन दी गई है। 
  • राज्य सरकार- राज्य सरकार को विभिन्न विभागों के कार्यालय व आवास निर्माण के लिए आमवाला तरला, आमवाला उपरला एवं चक डांडा लखौंड में कुल 9.68 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है।
  • ग्रामसभाओं को- ग्राम सभाओं के विकास के लिए शेष 342.68 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।

सुशील कुमार ( प्रभारी सचिव) का कहना है कि ये सारी जमीनें सरकार में निहित थीं। इसलिए इनका आवंटन सरकारी विभागों को किया गया है।

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क्या है गोल्डन फॉरेस्ट प्रकरण 

वर्ष 1997 में गोल्डन फॉरेस्ट कंपनी ने सेबी के नियमों के विपरीत देहरादून व आसपास के क्षेत्रों में तकरीबन 12 हजार बीघा जमीन खरीदी थी। इस दौरान लोगों से जमीन पर पैसा लगाकर रकम दोगुना करने का झांसा भी दिया गया। बड़ी संख्या में लोग इसके झांसे में आए। अचानक कंपनी ने इससे हाथ पीछे खींच लिए। उसी दौरान कोर्ट के एक निर्णय के तहत कंपनी को भंग कर सारी जमीन राज्य सरकार में निहित कर दी गई थी।

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