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जानिए क्यों जनरल-ओबीसी एसो ने सरकार को आड़े हाथ ले कहा, हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं

जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ हुई जांच का विरोध किया है। उन्होंने जांच रिपोर्ट में संगठन की मान्यता पर सवाल उठाए जाने की निंदा करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 10:54 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 10:54 AM (IST)
जानिए क्यों जनरल-ओबीसी एसो ने सरकार को आड़े हाथ ले कहा, हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं
जानिए क्यों जनरल-ओबीसी एसो ने सरकार को आड़े हाथ ले कहा, हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं।

देहरादून, जेएनएन। जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ हुई जांच का विरोध किया है। उन्होंने जांच रिपोर्ट में संगठन की मान्यता पर सवाल उठाए जाने की निंदा करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन संगठनों से पत्रचार और संगठन के विस्तार में जुट गया है।

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कर्मचारी नेता दीपक जोशी के खिलाफ जांच में रिपोर्ट पर जनरल-ओबीसी कार्मिक आक्रोशित हैं। गुरुवार को तहसील चौक स्थित एक होटल में आयोजित बैठक में उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि जांच अधिकारी ने सरकार के इशारे पर रिपोर्ट में एसोसिएशन को सरकार से मान्यता प्राप्त न होना और आंदोलन को अविधिक दर्शाया है, जबकि एसोसिएशन 13 सितंबर 2019 को सोसायटी रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत है।

उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में संघ का कार्यकाल खत्म होने पर बयानबाजी को गलत बताया गया है, लेकिन कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद नई कार्यकारिणी चयनित होने तक किसी भी संघ-संगठन के निवर्तमान अध्यक्ष-महामंत्री संगठन के क्रियाकलापों के लिए अधिकृत रहते हैं। कहा कि जांच अधिकारी ने ऐसे बिंदु शामिल किए, जिन्हें सत्र न्यायाधीश देहरादून की ओर से निस्तारित किया जा चुका है, जबकि इसमें भी दोषारोपण किया गया है। 

साथ ही रिपोर्ट में आपराधिक प्रवृति जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिसकी एसोसिएशन कड़ी निंदा करती है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि अब से प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों को व्यक्तिगत नाम से आमंत्रण दिया जाएगा। साथ ही हर विभाग में एसोसिएशन के पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने सवाल उठाए कि सरकार अन्य संगठनों के पदाधिकारियों के सरकार विरोधी बयानों का संज्ञान नहीं लेती है। इस दौरान मीडिया प्रभारी वीके धस्माना, डीएस सरियाल, एसपीएस देवरा, सीएल असवाल, मुकेश बहुगुणा आदि उपस्थित रहे।

संगठनों के साथ नहीं हो सकी बैठक

एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी वीके धस्माना ने बताया कि निजी कारणों से मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारी बैठक में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में शीघ्र ही संयोजक मंडल का पुनर्गठन कर बैठक की नई तिथि घोषित की जाएगी। जिसमें आंदोलन की रूपरेखा और संगठनों की रणनीति तय की जाएगी। इस दौरान अखिल भारतीय समानता मंच के केंद्रीय सचिव एलपी रतूड़ी, ईडीएस सरियल आदि ने भी इस पर सहमति जताई।

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