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किसी भी सरकारी सेवा के राजपत्रित अधिकारी बन सकते हैं आइएएस

आइएएस अधिकारी बनना हर पढ़े लिखे युवा का ख्वाब होता है। कड़ी मेहनत के बाद बहुत कम युवा ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। आइएएस बनने का दूसरा जरिया प्रांतीय सेवा (पीसीएस) है। प्रांतीय सेवा में दस वर्ष पूरे करने वाले अधिकारी आइएएस के पात्र हो जाते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 03:39 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 03:39 PM (IST)
किसी भी सरकारी सेवा के राजपत्रित अधिकारी बन सकते हैं आइएएस
आइएएस बनने का दूसरा जरिया प्रांतीय सेवा (पीसीएस) है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आइएएस अधिकारी बनना हर पढ़े लिखे युवा का ख्वाब होता है। वर्षों तक दिन रात पढ़ाई करने और कड़ी मेहनत के बाद बहुत कम युवा ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। आइएएस बनने का दूसरा जरिया प्रांतीय सेवा (पीसीएस) है। प्रांतीय सेवा में दस वर्ष पूरे करने वाले अधिकारी आइएएस के पात्र हो जाते हैं। यह बहुत कम लोगों को पता है कि इसके अलावा अन्य सेवा के अधिकारी भी आइएएस बन सकते हैं। बशर्ते उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा हो और सरकार की मंशा ऐसे अधिकारी को आइएएस बनाने की है। ठीक इसी तरह अन्य सेवाओं के अधिकारी पीसीएस भी बन सकते हैं। 

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आइएएस सेवा को काफी प्रतिष्ठित माना जाता है। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा लिखित परीक्षा और फिर साक्षात्कार का सफलतापूर्वक सामना करने के बाद आइएएस में सफल अभ्यर्थियों की घोषणा की जाती है। इन अधिकारियों को फिर इनके द्वारा पूर्व में चयनित राज्यों में भेज दिया जाता है।

इसी तरह पीसीएस के रूप में चयनित अधिकारी 10 वर्ष की सेवा करने के पश्चात आइएएस बन सकता है। इसके लिए राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में ही उनके लिए कुछ पद सुरक्षित रखे जाते हैं। अभी तक सीधी भर्ती के अलावा पीसीएस संवर्ग से ही अधिकारी आइएएस बनते आएं हैं। हालांकि, अन्य सेवाओं से भी आइएएस बना जा सकता है। इसका प्रविधान आइएएस नियमावली में भी है। आइएएस भर्ती नियम के बिंदु 8 (2) में इसकी व्याख्या की गई है। यह तब हो सकता है जब सरकार को लगे कि कोई राजपत्रित अधिकारी ऐसा है तो बेहद उत्कृष्ट कार्य करता है और आइएएस के रूप में वह प्रदेश में और बेहतर सेवा दे सकता है तो वह उसका नाम आइएएस अधिकारी बनाने के लिए केंद्र को भेज सकती है। इसके लिए संबंधित अधिकारी को पहले शासन को अनुरोध करना होगा। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति उसके दस्तावेज और कार्य का परीक्षण करेगी। अन्य प्रदेशों में इस नियमावली से कई अधिकारी आइएएस बन चुके हैं। उत्तराखंड में अभी तक केवल एक बार ही ऐसा हुआ है। हालांकि, तब केंद्र ने इस नाम को मंजूरी नहीं दी थी।

इसी तरह अन्य सेवाओं के अधिकारी भी पीसीएस बन सकते हैं। ऐसे उत्कृष्ट कर्मचारियों को सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद पीसीएस बनाया जाता है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी का कहना है कि इस तरह से आइएएस और पीसीएस बनाने का प्रविधान है।

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