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Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान, ऐसे करें पूजा

Ganga Dussehra 2020 कोरोना से बचाव को हुए लॉकडाउन में पड़ने वाले गंगा दशहरा को लेकर पंडितों ने श्रद्धालुओं से घर में मा गंगा की पूजा करने की अपील की है।

By Edited By: Published: Sun, 31 May 2020 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:12 PM (IST)
Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान, ऐसे करें पूजा
Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान, ऐसे करें पूजा

देहरादून, जेएनएन। Ganga Dussehra 2020 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा घरों में ही मनाया जाएगा। कोरोना से बचाव को पंडितों ने श्रद्धालुओं से घर में मा गंगा की पूजा करने की अपील की है। उनका कहना है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर इस तरह की परिस्थिति हो तो घर पर बाल्टी या टब में पानी के साथ गंगाजल मिलाकर मा गंगा की आराधना करते हुए स्नान करना गंगा में डुबकी लगाने के समान है। 

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गंगा दशहरा पर स्नान-ध्यान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी संकट की वजह से श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे। ऐसे में श्रद्धालु घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर सकते हैं। स्नान के दौरान 'भगवते दशपापहराये गंगाये नारायण्ये रेवत्ये शिवाये दक्षाये अमृताये विश्वरुपिण्ये नंदिन्ये ते नमो नम:' का जप करें। 

पंडित श्रीत सुंद्रियाल बताते हैं कि सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही मा गंगा का आगमन धरती पर हुआ था। इसलिए हर साल दशमी को गंगा स्नान का विधान है। दशमी रविवार शाम पांच बजकर 34 मिनट से सोमवार दोपहर दो बजकर 54 मिनट तक रहेगी। आचार्य कृपाराम जोशी ने बताया कि समस्त जनमानस में आस्था का केंद्र मा गंगा भगवान शिव की जटा से निकली और प्रथम बार इस पावन धरा का स्पर्श किया। इस दिन को गंगा दशहरा के रूप मनाते हैं। 

इस दिन उत्तराखंड के पंचप्रयाग और हरिद्वार में गंगा के तट पर देव डोलियों का स्नान का महत्व भी है। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता और आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि स्नान के बाद घर में मा गंगा के चित्र का पूजन करें। सत्तू, देशी घी, गुड़ मिश्रण कर पिंड गंगाजल में अर्पित करें। 

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ऐसे करें पूजा 

सुबह उठकर गंगा मैया का स्मरण करें। इसके बाद पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें या गोमूत्र, गोदुग्ध, गोदधि, गोघृत, कुशोदक, भस्म, सुद्ध मृत्तिका, मधु (शहद) से स्नान करें। इसके बाद शुद्ध श्वेत वस्त्र धारण कर मा गंगा का पूजन करें। इसके साथ ही राजा भगीरथ, हिमालय और शिवजी का पूजन भी किया जाता है। इस दिन गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करने से समस्त प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।

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