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25 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना कानपुर से गिरफ्तार

खुद को वोडाफोन का एजेंट बताकर 51 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को एसटीएफ ने कानपुर से गिरफ्तार किया है। पीड़ित राकेश रावत निवासी फुल सैनी प्रेमनगर ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर फोन कर खुद को वोडाफोन का एजेंट बताकर ठगी की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 02:05 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 02:05 PM (IST)
25 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना कानपुर से गिरफ्तार
25 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना कानपुर से गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। खुद को वोडाफोन का एजेंट बताकर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को एसटीएफ ने कानपुर से गिरफ्तार किया है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पीड़ित राकेश रावत निवासी फुलसैनी प्रेमनगर ने बताया कि 20 दिसंबर 2020 को उनके बुजुर्ग पिता प्रताप सिंह को एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर फोन कर खुद को वोडाफोन का एजेंट बताया। साथ ही 51 लाख रुपये और फोर व्हीलर का इनाम निकलने की बात कहकर 25 लाख रुपये ठग लिए।

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इसके बाद स्पेशल टास्क फोर्स और साइबर पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाकर मोबाइल फोन नंबर और धनराशि जिन बैक खातों और ऑनलाइन वॉलेट में गई, उसकी जांच की गई। जांच में पता लगा कि ठगों ने ठगी गई धनराशि मध्यप्रदेश, सीतापुर उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के बैंक खातो में ट्रांसफर की गई है। खातों की बैंक स्टेटमेंट निकाली गई तो सामने आया कि धनराशि कानपुर के विभिन्न एटीएम मशीन से निकाली गई। ठगों की गिरफ्तारी के लिए टीमें उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश राज्यों के लिए रवाना किया गया। 
टीम ने खातों में सेंध लगाकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को आर्यनगर कानपुर यूपी से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। आरोपित की पहचान पवन सिंह निवासी ग्राम शीतलपुर गजनेर जनपद कानपुर देहात यूपी के रूप में हुई। ठग से घटना में इस्तेमाल किए गए एटीएम कार्ड, मोबाइल सिम व साढ़े 24 हजार नगद बरामद किए गए। पूछताछ में पवन सिंह ने बताया कि वह जनता को प्रधानमंत्री योजना व अन्य योजनाओं के तहत मकान मिलने की बात कहते हुए उनके खाता और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के नाम से उनका एटीएम कार्ड और सिम कार्ड प्राप्त करते थे। 
अपराध करने के लिए इन सिम कार्ड व बैंक खातों का प्रयोग करते थे। पीड़ित राकेश रावत से ठगे पैसों में से उसने 10 लाख रुपये अपने साथी पंकज व 10 लाख रुपये शीलू नाम के व्यक्ति को दिए थे। शेष धनराशि में से तीन लाख रुपये में अपनी बहन की शादी, एक लाख रुपये स्वयं का इलाज व एक लाख रुपये अपनी माता के इलाज में खर्च किए। 

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