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मुखबिर तंत्र कमजोर, खतरे में पड़ा पुलिस का इकबाल

राजधानी में खाकी का इकबाल खतरे में है ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। क्योंकि यहां अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और पुलिस के हाथ खाली हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 04:10 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 08:27 PM (IST)
मुखबिर तंत्र कमजोर, खतरे में पड़ा पुलिस का इकबाल
मुखबिर तंत्र कमजोर, खतरे में पड़ा पुलिस का इकबाल

देहरादून, जेएनएन। शहर में बढ़ता अपराध का ग्राफ इस बात की पुष्टि को पर्याप्त है कि राजधानी में खाकी का इकबाल खतरे में है। राजपुर रोड पर तीन माह पहले गोल्ड लोन कंपनी में दिनदहाड़े हुई लूट की सनसनीखेज वारदात हो, या फिर बीती 14 फरवरी को वसंत विहार में शराब ठेके के मैनजर से हुई पांच लाख रुपये की लूट, इन वारदातों से यह साफ है कि चोर-लुटेरों के बुलंद हौसलों के आगे दून पुलिस न सिर्फ नतमस्तक है, बल्कि मुखबिर तंत्र की कमजोरी से लाचार भी हो गई है। 

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कुछ साल पहले तक जब मोबाइल या सूचना प्रौद्योगिक विकसित नहीं थी, तब पुलिस मुखबिर तंत्र के बूते बड़ी से बड़ी वारदात का भी खुलासा कर देती थी। मगर हाल के वर्षों में सीसीटीवी, मोबाइल कॉल रिकार्ड, लोकेशन ट्रेस करने समेत अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर वारदात का चुटकी बजाते खुलासा करने वाली पुलिस अब इन चीजों के मददगार न होने की स्थिति में लाचार हो जा रही है। 

राजपुर रोड स्थित गोल्ड लोन कंपनी में तीस नवंबर को दिनदहाड़े हुई लूट का मामला पुलिस की लाचारगी का ताजा उदाहरण है। सच तो यह है कि पुलिस भले ही अपने मुखबिर तंत्र से हाथ मिलाकर अपराधियों पर नकेल कसने के दावे करे, लेकिन यह तंत्र अब उतना मजबूत नहीं रह गया है। इसीलिए अब हाईटेक पुलिस सर्विलांस को ज्यादा तवज्जो देने लगी है। जिसने पुलिस के हाथों को मजबूत तो किया है, लेकिन तकनीकी साक्ष्यों के न मिल पाने की स्थिति में पुलिस बेबस हो जाती है। 

पहले पुलिस का मुखबिर तंत्र इतना मजबूत होता था कि अपराधी बचकर नहीं जा सकता था, लेकिन धीरे-धीरे आधुनिक हुई पुलिस सर्विलांस का सहारा मिलते ही कमजोर हो गई। जानकारों का मानना है कि पुलिस अब होमवर्क करना नहीं चाहती। बड़ी वारदात होते ही पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का सहारा लेने लगती है। लेकिन, शातिर अपराधियों की चाल के आगे सर्विलांस सिस्टम भी ज्यादातर फेल ही नजर आता है और घटनाएं एक रहस्य बनकर रह जाती है। 

इन घटनाओं के खुलासे में पुलिस फेल 

- तीस नवंबर 2018: राजपुर रोड स्थित आइआइएफएल गोल्ड लोन कंपनी के कर्मियों को बंधक बनाकर हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े लूट को अंजाम दिया। पुलिस आज तक इस वारदात में शामिल गैंग या बदमाश की शिनाख्त तक नहीं कर पाई है। वहीं बीते दिनों रुड़की में भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया जा चुका है।

- 14 फरवरी 2019: वसंत विहार थाना क्षेत्र में रात ग्यारह बजे के करीब शराब के ठेके के मैनेजर पर जानलेवा हमला कर दो बदमाशों ने पांच लाख रुपये लूट लिए। इस मामले में पुलिस का दावा तो है कि उसे बदमाशों के फुटेज मिल गए हैं, लेकिन सच यह है कि पुलिस इस मामले के खुलासे से अभी काफी दूर है। 

- 13 नवंबर 2018: घंटाघर में हुई मेरठ के सर्राफा कारोबारी से लूट के मामले में ईरानी गैंग के पांच आरोपित और छह दिसंबर को बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मचारी से हुई लूट में शामिल तीन अन्य आरोपितों को पुलिस आज तक नहीं तलाश पाई है। इन दोनों घटनाओं का खुलासा केवल एक-एक आरोपितों को पकड़ कर पुलिस ने कर दिया था। 

लुटेरों की धरपकड़ को एसएसपी ने लगाई क्लास 

पुलिस लाइन के सभागार में हुई मासिक अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने शनिवार को अधिकारियों से लेकर थानेदारों तक की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि राजपुर रोड पर गोल्ड लोन कंपनी में हुई लूट की मोड्स ऑपरेंडी रुड़की में बीते दिनों हुई वारदात से काफी मेल खाती है। वहां बदमाशों के फुटेज भी मिले हैं, जिस पर वहां की पुलिस से फीडबैक लेकर बदमाशों की धरपकड़ को गंभीरता से प्रयास किया जाए। इसमें शिथिलता अब बर्दाश्त नहीं होगी।

वहीं एसएसपी ने हाल के दिनों में हुई ताबड़तोड़ चोरियों को लेकर भी थानेदारों को अलर्ट रहने की हिदायत दी, कहाकि मुखबिर तंत्र को अलर्ट करते हुए शातिर चोरों पर शिकंजा कसा जाए। लोकसभा चुनाव को देखते हुए असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई समेत कई अन्य बिंदुओं पर एसएसपी ने थानेदारों को टास्क सौंपा। बैठक में एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र आर्य, एसपी सिटी श्वेता चौबे, एसपी ग्रामीण प्रमेंद्र डोभाल समेत सीओ और थानेदार मौजूद रहे। 

आइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने बताया कि दून में हाल में हुई घटनाओं के खुलासे और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को ठोस कार्रवाई करने को कहा गया है। जहां तक मुखबिर तंत्र के कमजोर होने की बात है तो अब मुखबिरी का स्वरूप और पुलिस को सूचनाएं देने के माध्यम में बदलाव आया है। इसके साथ पुलिस को समय-समय पर समीक्षा नेटवर्क को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। 

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